स्पेशल डेस्क
11 साल के कंबर बहुत खुश है और अपनी दादी से बार-बार कह रहे हैं कि क्या इस बार अदाब-अदाब होगा। इतना ही नहीं कंबर का एक और भाई अली है वो भी अपनी आपा को बार-बार फोन करके पूछ रहा है आपा क्या इस साल अदाब-अदाब होगा। दूसरी ओर 11 साल के आदिल अपनी अम्मी से कह रहे कि मुझे इस बार ईद में क्या मिलेगा। यहां अदाब-अदाब का मतलब ईदी से हैं। हालांकि ये बच्चें इस बार काफी मायूस है। उनकी मायूसी केवल इतनी है कि इस बार-बार घर पर ईद मनाना पड़ेगा।
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ऐसे में उनको इस बार कम ईदी मिलेगी। लेकिन कंबर का तो कुछ और ही कहना है। कंबर को अचानक से ईदी लेने के लिए अनोखा आडिया हाथ लगा है और उसने पलक झपकते हैं अपने भाई अली को फोन लगा दिया और कहा भाई ईदी तो हमलोगों पहले जैसे सबसे मिलेगी। अली बोला कैसे भाई कोरोना है कही जा नहीं सकते और न ही आ सकते हैं। तब कंबर ने कहा कि पेटीएम करवायेंगे इस बार सबसे ईदी।
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दरअसल कंबर चाहते हैं जो लोग उन्हें हर साल ईदी देते हैं वो उन्हें पेटीएम कर दे। इसके साथ ही कई और बच्चें अपने चाचा, मामी और बड़े भाईयों को फोन करके ईदी पेटीएम से मगवाने की बात कर रहे हैं।
मोहम्मद यूसुफ और फरीन ने भी दिल्ली से अपनी चाची को फोन किया और कहा है कि चाची ईद मुबारक हो आपको। मैं इस बार लॉकडाउन की वजह से लखनऊ नहीं आ पा रहा हूं कि क्या आप मेरी ईदी मुझे पेटीएम कर सकती है।
चाची ने कहा कि बेटा घबराओं नहीं तुम्हारी ईदी तुम्हारे तक पहुंच जाएगी। तीन साल की तशा भी अपने अब्बा से कह रही है कि क्या इसबार मुझे ईदी नहीं मिलेगी। अब्बा ने कहा कि बेटा ईदी तो तुम्हें जरूर मिलेगी।
वहीं बिस्मा इन दिनों अपनी मां के साथ अलीगढ़ में है लेकिन उसके बाबा लॉकडाउन की वजह से मुम्बई में फंसे हुए है। वो बार-बार कह रही है बाबा कब आओगे तुम। ईद पर तो आ ही जाओगे।
कोरोना वायरस ने इस बार की ईद को फीका कर दिया और बच्चें इससे काफी मायूस है क्योंकि क्योंकि वह नए लिबास और ईदी की शक्ल में नकद मिलने वाली रकम से वंचित रहेंगे। साल भर बच्चें बड़े शौके से ईद का इंतेजार करते हैं लेकिन इस बार कोरोना की वजह से उनकी ईद में खलल पड़ गया है।
पिछले दो महीनें से घरों में ये बच्चें कैद है और रमजान का महीना शुरू होते ही बड़े खुश थे और उम्मीद कर रहे थे कि इस बार ईदी में कुछ अच्छा मिलेगा लेकिन कोरोना की वजह लॉकडाउन की वजह से सबको नुकसान हुआ है। ऐसे में इसका ईद पर भी देखने को मिल रहा है।
लॉकडाउन की वजह से बच्चे ईद की नमाज पढऩे ईदगाह नहीं जाएंगे। बच्चों को इस बात का अफसोस है कि इस बार वो बाहर ईद का मेला देखने भी नहीं जा सकेगे। चॉकलेट बैलून और मिठाई भी नहीं मिलेगी। बच्चे ईद के दिन शौक से नये कपड़े पहनकर अपने दोस्तों से मिलते हैं लेकिन कोरोना की वजह से उनको केवल घर पर रहकर ईद मनानी होगी और न ही इस बार ईद का जश्न तीन दिन तक चलेगा।
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ईद के त्यौहार के एक दिन पहले तक बाजार में ईद के त्यौहार की बिक्री नही हो रही है। ईद के त्यौहार के एक दिन पहले बाजार गुलजार रहते थे लेकिन इस बार हालात ऐसे नहीं है और कोरोना की वजह से लोग काफी परेशान है। इतना ही नहीं
गरीब और मध्यम तबके का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है और इस वजह से वो बच्चों को शायद ही नये कपड़े बनवा सके।