जुबिली न्यूज़ डेस्क
कोरोना महामारी का असर इस बार दीवाली पर भी देखने को मिलेगा। ऐसी संभावना है कि यह दीवाली पटाखा-रहित मने। दरअसल चीन के बाद दुनिया में कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेल रहे भारत में इस बार दीवाली खुशियां नहीं बल्कि दोहरी मुसीबत लेकर आ रही है। 14 नवम्बर को दीवाली है। मौसम ठंडा होगा और आतिशबाजी के चलते हवा की गुणवत्ता भी ख़राब होगी। ये दोनों कोरोना कि दृष्टि से अति घातक है।
वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी आने वाले त्योहारों के मद्देनजर कोरोना को लेकर अपनी चिंता जताई है। कई राज्यों ने भी इस विषय पर चिंता जताई है जिसके बाद सरकार पटाखा रहित दीवाली पर गंभीरता से विचार कर रही है।
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सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार विजय दशमी (दशहरा) से पहले देश भर में आतिशबाजी पर रोक लगाने सम्बन्धी निर्देश जारी कर सकती है। गौरतलब है कि कोरोना की शुरुआत ही सांस लेने से होती है। दहशरा-दीवाली के दौरान कोरोना मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
पटाखों की मांग न के बराबर
बता दें कि पटाखा व्यापारियों में भी मायूसी छाई हुई है। इस बार अच्छे व्यापार की उम्मीद कम जताई जा रही है। पटाखा व्यापारियों का कहना है कि, प्रदूषण व सामान्य पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध के चलते पटाखा व्यापार बीते कुछ सालों से ठीक नहीं रहा। वहीं इस बार पटाखों की मांग न के बराबर है। दीवाली के अलावा भी शादी जैसे अन्य मौके पर भी लोग पटाखे जलाकर खुशियां मनाते हैं। दीवाली में अभी करीब महीनाभर है। लेकिन बाजारों में पटाखों की सप्लाई पिछली बार से काफी कम है।
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