जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक कालेज संचालक ने व्यावसायिक ज़िन्दगी में जन्मी प्रेम कहानी की खातिर अपनी 26 साल पुरानी शादी शुदा ज़िन्दगी से किनारा कर लिया. अपनी असिस्टेंट से शादी रचाने के लिए उसने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया. फैमिली कोर्ट के ज़रिये पति-पत्नी के बीच सहमति से हुए इस तलाक के बदले पति ने पत्नी को एक करोड़ 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. इसके अलावा उसे अपने दोनों बच्चो को भरण-पोषण भत्ता देना होगा.
बताया जाता है कि इस कालेज संचालक का अपनी असिस्टेंट के साथ पिछले चार साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. पत्नी को जानकारी हुई तो उसने विरोध किया लेकिन पति ने प्रेमिका को छोड़ने से साफ़ इनकार कर दिया. पति के इनकार के बाद पत्नी ने पति का घर छोड़ दिया और चार साल से अपने दोनों बच्चो को लेकर अलग रहने लगी.
इधर जब कालेज संचालक ने अपनी मोहब्बत को रिश्ते में बदलने की तैयारी की तो पहली पत्नी से तलाक की ज़रूरत महसूस हुई. 2020 में फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी गई. 50 साल का पति और 47 साल की पत्नी तलाक के लिए कोर्ट में पेश हुए. दोनों ने तलाक पर सहमति जताई.
तलाक के एवज़ में पति को अपनी पूर्व पत्नी को एक करोड़ बीस लाख रुपये का मुआवजा देना पड़ा. बच्चो के भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी पिता की होगी. बच्चे जब भी पिता के पास जाना चाहेंगे उन्हें पत्नी नहीं रोकेगी. इसके बाद पत्नी अपने पति के खिलाफ कोई कानूनी दावा भी नहीं करेगी.
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