जुबिली न्यूज डेस्क
मुंबई: महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा सीटों के लिए I.N.D.I.A अलायंस के घटक दलों के बीच भले ही बयानबाजी जारी है, लेकिन सीट शेयरिंग पर फैसला इस महीने के अंत तक ही हो पाएगा। मुमकिन है कि कुछ वक्त और लग गए। महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक 48 सीटें हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि इस राज्य में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर बीजेपी को कम सीटों पर रोका जाए।
शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद वर्तमान में सबसे ज्यादा पेचीदी राजनीति महाराष्ट्र में है। 2024 के चुनावों में जहां एक मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा तो वहीं महाराष्ट्र में दूसरा मुकाबला शिवसेना और एनसीपी के दोनों खेमों के बीच खुद को आगे रखने के लिए होगा।
इन फैक्टर पर तय होगी सीटें?
मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में कांग्रेस को 20 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। सीटों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर शिव सेना पार्टी होगी। इसके बाद शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी और फिर प्रकाश अंबेडकर को वंचित बहुजन आघाडी होगा। प्रकाश अंबेडकर के I.N.D.I.A अलायंस में आने पर दो सीटें मिल सकती हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के सह-प्रभारी आशीष दुआ के अनुसार सीट शेयरिंग कोई आसान प्रक्रिया नहीं है। घटक दलों की तरफ से बयानबाजी लाजिमी है, हर दल अधिक सीटें चाहेगा, लेकिन सीट शेयरिंग में कई सारे पैरामीटर शामिल है, मसलन अगर कोई पार्टी किसी सीट पर अपना दावा कर रही है तो उसका आधार क्या है?
उस लोकसभा क्षेत्र में उस पार्टी के कितने विधायक हैं, पूर्व में कैसा प्रदर्शन रहा है? उम्मीदवार कौन है, जातीय समीकरण क्या हैं? इसके अलावा वहां पार्टी के विधायक नहीं है तो जिला पंचायत और नगर पंचायत में क्या उसकी मौजूदगी है। दुआ कहते हैं ये सब वे फैक्टर हैं जिनके आधार सीटें का फैसला होगा।
मजबूती-विनेबिलिटी हैं फैक्टर
दुआ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने सीट शेयरिंग के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सलमान खुर्शीद और मुकुल वासनिक के साथ मोहन प्रकाश शामिल हैं। इस कमेटी में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति के नेताओं से बातचीत पूरी की है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपेगी। इसके बाद घटक दलों के साथ सीट शेयरिंग पर आगे की बात होगी।
दुआ ने कहा कि हमारा पूरा फोकस बीजेपी को हराने पर है। इस पर सभी घटक दल भी एकमत है। ऐसे में मजबूती औश्र विनेबिलिटी ही मुख्य फैक्टर हैं। निश्चित तौर पर वर्तमान में कांग्रेस पार्टी राज्य में एकजुट है। विधानसभा में सबसे ज्यादा विधायक कांग्रेस के पास हैं।