जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में मौजूदा कांग्रेस सरकार भले ही किसी तरह से बच गई हो लेकिन मामला अभी खत्म नहीं हुआ क्योंकि कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि फिलहाल वहां पर कांग्रेस सीएम को बदलने नहीं जा रही है।
कांग्रेस के इस संकेेत से नाराज मंत्री विक्रमादित्य सिंह के लिए एक बड़ा झटका है। इसके अलावा बागियों को मनाने की ठोस कोशिश नहीं की गई है।
वहीं हिमाचल प्रदेश भेजे गए पर्यवेक्षकों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को सौंपी गई रिपोर्ट सामने आई है। एक न्यूज चैनल के पास तीन पेज की रिपोर्ट है और उसके साफ कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश सीएम की पार्टी में उत्पन्न हुए संकट को भांपने में असमर्थता पर सवालिया निशान लगाया गया है, बल्कि इसके लिए राज्य अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।
चैनल के हवाले से खबर है कि इस रिपोर्ट में आठ बिन्दु रखे गए है। इसके तहत पर्यवेक्षकों ने पार्टी नेतृत्व को हिमाचल संकट पर प्रत्येक एंगल पर बात की है और समझाया आखिर क्यों ऐसी स्थिति पैदा हुई। रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल के सीएम को लेकर कहा गया है कि क्रास वोटिंग को लेकर उनको कैसे नहीं जानकारी हुई।
सीएम कैसे कह सकते हैं कि उन्हें क्रॉस वोटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी? यह अस्वीकार्य है कि वह अपने गुट को एक साथ रखने में असमर्थ थे और इस पर भी संदेह है कि क्या वह भविष्य में बगावत को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे। वहीं दूसरी अहम बात ये हैं कि नाराज मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पार्टी का अनुशासन तोडऩे का काम किया है।
उनकी हरकतें कई संदेह पैदा करती हैं कि क्या आगे उन पर भरोसा किया जा सकता है? वहीं अन्य बिन्दु में बागी विधायकों की भूमिका को लेकर कहा गया है कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के बागी विधायकों को बीजेपी ने भारी रकम दी और बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
कुल मिलाकर ये देखना होगा कि कांग्रेस इस रिपोर्ट अगला कदम क्या उठाती है लेकिन इतना तय है कि आने वाले दिनों कांगे्रस हिमालच प्रदेश को लेकर कोई कदम उठा सकता है। वहीं बागियों ने इस पर अपनी अलग राय दी है। इस वजह से उनको वापस लाया जा सकता है।