Wednesday - 30 October 2024 - 7:41 AM

राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई एक और संपत्ति पर विवाद

जुबिली न्यूज डेस्क

पिछले कुछ दिनों से राम जन्मभूमि ट्रस्ट सुर्खियों में है। मंदिर निर्माण के लिए इस ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर विवाद शुरु हुआ जो अब तक जारी है।

राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई एक और जमीन विवाद में फंस गई है। यह मामला अयोध्या के सिविल कोर्ट तक पहुंच गया है। इस मामले में राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय समेत संपत्ति से जुड़े लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

यह मामला विराजमान भगवान और उनके नजदीकी दोस्त संतोष दुबे और स्वामी अविमुक्तेश्वरनंद की तरफ से दायर किया गया है।

क्या है मामला

राम जन्मभूमि से सटा फकीरे राम मंदिर है। राम मंदिर ट्रस्ट ने 27 मार्च 2021 को मंदिर की जमीन को खरीदा। इस सपंत्ति को खरीदने के बाद से ही विवाद शुरू हुआ। अब तो यह मामला फैजाबाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में पहुंच गया है। अदालत ने चंपत राय और संपत्ति से जुड़े सभी लोगों से जवाब मांगा है।

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इस मामले में केस दायर करने वाले पक्ष ने संपत्ति को बेचने वाले रघुवर शरण के स्वामित्व के अधिकार को चुनौती दी है। इसके साथ ही जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने, देशभर में मंदिर की जमीन पर रिसीवर नियुक्त करने, मंदिर को नुकसान न पहुचाने के साथ-साथ मंदिर मे भगवान को नियमित भोग राग जारी रखने की मांग की है।

केस दायर करने वाले संतोष दुबे जो खुद बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी रहे हैं, उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि राम मंदिर निर्माण हो और बहुत बढिय़ा से हो, क्योंकि इसके लिए उन्होंने अपना बचपन से लेकर जवानी तक लगा दी। चार गोलियां खाईं। उन्होंने कहा, उनकी 17 हड्डियां टूटीं, सैकड़ों बार वे जेल गए।

दूबे का कहना है कि हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है कि राम मंदिर के लिए जितनी जमीन मिली है, वह काफी है। इसी में मंदिर का निर्माण किया जाए। इसके आस पास अन्य पौराणिक महत्व के स्थानों जैसे फकीरे राम मंदिर को ना तोड़ा जाए। साथ ही इसमें भगवान राम की भोग राग जारी रहे।

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संतोष दूबे ने कहा, “फकीरे राम मंदिर में बनवास से पहले भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण जी ने अपने वस्त्र परिवर्तित किए थे, यहीं से वे वल्कल वेश में आए थे। ऐसे में इस मंदिर को तोडऩे से पहले अदालत ही एक मात्र उपाय था।”

भगवान राम के नाम पर मची है लूट

संतोष दूबे ने आरोप लगाता हुए कहा कि इस ट्रस्ट में बैठे सभी लोग बेलगाम हैं। ये लोग पैसे के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। भगवान राम के नाम पर लूट मची है।

दूबे ने आरोप लगाया कि इस मामले में सिर्फ अदालत में सुनवाई हो सकती थी, क्योंकि सरकार में बैठे लोग ही ट्रस्ट है और ट्रस्ट में बैठे हुए लोग ही सरकार हैं। वे किसी को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। पूरी अयोध्या को तोड़ देने की धमकी दे रहे है।

रद्द हो बैनामा

वहीं केस दायर करने वाले पक्ष के वकील तरुण जीत वर्मा ने कहा कि हमने यह केस सिविल जज सीनियर डिवीजन फैजाबाद में दायर किया है। इस मामले में हमने चंपत राय को किया गया बैनामा रद्द करने की मांग की है। साथ ही जो मंदिर है, उसे तोड़ा ना जाए। वहां पर जो राग भोग चल रहा है, पूजा पाठ हो रही है, वह भी जारी रहे। साथ ही मांग की गई है कि इस मंदिर से जुड़ीं कई संपत्तियां हैं जालौन, उरई, कोच में, वहां रिसीवर नियुक्त किया जाए।

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