जुबिली न्यूज डेस्क
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है और कांग्रेस अंतर्कलह से जूझ रही है। दिल्ली हो या देश के राज्य, हर जगह कांग्रेस हर दिन कमजोर हो रही है।
पश्चिम बंगाल में चुनावी घमासान मचा हुआ है और कांग्रेस विरोधी दलों से नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी के भीतर जूझ रही है। बंगाल चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर विवाद छिड़ गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में पार्टी द्वारा इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन किए जाने पर सवाल उठाया तो पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ कांग्रेस के गठजोड़ के फैसले को जायज करार दिया।
आईएसएफ से गठबंधन के फैसले पर अपनी ही पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करने के बाद अधीर रंजन ने सोमवार को मोर्चा संभाल लिया।
अधीर रंजन चौधरी ने अपनी पार्टी के सहयोगी आनंद शर्मा की तरफ से सवाल खड़े किए जाने पर कहा कि, “मैं जो कुछ कर रहा हूं, वह सब आलाकमान को बताकर किया जा रहा है.”
Know ur facts @AnandSharmaINC ji
1. CPI(M) led Left Front is leading the secular alliance in West Bengal of which Congress is an integral part. We are determined to defeat BJP’s communal & divisive politics and an autocratic regime.
1/4— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) March 1, 2021
रंजन ने ट्वीट में यह कहा कि इंडियन सेक्युलर फ्रंट को लेफ्ट ने अपने हिस्से से सीट दी है और कांग्रेस को लेफ्ट और कांग्रेस के बीच समझौते में पूरी सीटें मिली हैं, जो लोग इंडियन सेकुलर फ्रंट को सांप्रदायिक कह रहे हैं वह बीजेपी के एजेंडे पर चल रहे हैं।
Know ur facts @AnandSharmaINC ji
1. CPI(M) led Left Front is leading the secular alliance in West Bengal of which Congress is an integral part. We are determined to defeat BJP’s communal & divisive politics and an autocratic regime.
1/4— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) March 1, 2021
आनंद शर्मा ने क्या कहा ?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस पार्टी चयनात्मक नहीं हो सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि आईएसएफ जैसे दलों के साथ गठबंधन कांग्रेस पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ है।
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आनंद शर्मा ने एक के बाद एक दो ट्वीट कर कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लडऩा है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।
वहीं आनंद शर्मा के इस बयान पर पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं वो आलाकमान को बताकर किया जा रहा है।
मालूम हो कि बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने वाम दलों और आईएसएफ के साथ गठबंधन किया है। आईएसएफ पीरजादा अब्बास सिद्दिकी की पार्टी है। पीरजादा राज्य के फुरफरा शरीफ के प्रभावशाली मौलवी हैं। पीरजादा ने लंबे समय तक ममता बनर्जी की पार्टी को अपना समर्थन दिया था।
चौधरी को मिला जितिन का साथ
इस मुद्दे पर अधीर रंजन चौधरी को बंगाल के पार्टी प्रभारी जितिन प्रसाद का समर्थन मिला। उन्होंने आनंद शर्मा की आलोचना का जवाब दिया है।
जितिन प्रसाद ने कहा, “गठबंधन के फैसले पार्टी और कार्यकर्ताओं के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। अब सभी का साथ मिलकर चलने का वक्त है, और चुनाव से जुड़े राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं को मजबूत करने की दिशा में काम करना है।”