जुबिली न्यूज डेस्क
स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण को लेकर मचे घमासान के बीच जिला चिकित्सालय बरेली का मामला सामने आया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली के अधीन तैनात चीफ फार्मेसिस्ट दिनेश गंगवार,अनिल कुमार त्रिगुणायत और राकेश कुमार का स्थानांतरण हो गया है लेकिन ये तीनों चीफ फार्मेसिस्ट जिला चिकित्सालय बरेली में तैनात हैं , लेकिन ट्रांसफर आरादर में इनकी तैनाती दूसरी जगह दिखा दी गयी है इसलिये तकनीकी रूप से ये आर्डर उनसे सम्बन्धित ही नहीं है
पूरा मामला क्या है
ब्रज क्षेत्र बरेली के भाजपा उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार मौर्य ने अनुसचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं अनुभाग -7 उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को लिखित शिकायत भेजा है जिसमें उन्होंने बताया है कि कार्यालय महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्र संख्या4(डी)2/चीफ फार्म०/समा/2019/9672-77 के दिनांक 4 अक्टूबर 2019 के द्वारा जिला चिकित्सालय बरेली में कार्यरत अनिल कुमार त्रिगुणायत और राकेश कुमार का पदोन्नति होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली के अधीन समायोजन किया गया।
सूत्रों के अनुसार दिनेश गंगवार फार्मेसिस्ट का भी समायोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली के अधीन किया गया था।लेकिन समायोजन किए जाने के बाद भी इन तीनों फार्मेसिस्टों ने जिला अस्पताल से मुख्य चिकित्सा अधिकारी बरेली के अधीन चीफ फार्मेसिस्ट के प्रोन्नत पद पर अपना योगदान नहीं दिया बल्कि जिला अस्पताल के प्रशासन से अपने जुगाड़ के जरिये पर वहीं रुके रहे ।
सूत्र ये भी बता रहे हैं कि 4(डी)2 सेक्शन के एक बाबू ने सांठ गांठ करके योगदान न देने की बात को दबा दिया। इस तरह से महानिदेशालय के आदेश की अवहेलना करते हुए इन तीनो चीफ फार्मेसिस्टो ने तीन साल तक सीएमओ बरेली के यहां अपना योगदान नहीं दिया।
2019 से 2022 तक ये लोग जिला अस्पताल में चीफ फार्मेसिस्ट के पद पर काम करते रहे लेकिन महानिदेशालय के अधिकारियों ने भी कोई कारवाई नहीं की।
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सुरेंद्र कुमार मौर्य ने यह भी लिखा है कि ये सभी लोग पिछले 21सालों से जिला अस्पताल में एक ही पटल पर तैनात हैं इसलिये इनका स्थानांतरण दूसरे मंडल में किया जाय।
स्थानांतरण हुआ लेकिन रिलीव नहीं हो सकते
स्थानांतरण नीति 2022-23 से आच्छादित चीफ फार्मेसिस्टों के स्थानांतरण में इन तीनों चीफ फार्मेसिस्टों के नाम हैं लेकिन ट्रांसफर आर्डर मे़ इनकी तैनाती सीएमओ बरेली के यहां अंकित की गई है जबकि ये अभी जिला अस्पताल में ही तैनात हैं।जानकार ये प्रश् कर रहे हैं कि ऐसे में इन तीनों चीफ फार्मेसिस्टों को रिलीव कैसे किया जा सकता है ? स्वास्थ्य विभाग के ताजा तबादलों में महानिदेशालय के अधिकारीयों ने खेल इस तरह किया है कि ट्रांसफर कर भी दिया और अनुपालन भी नहीं होगा।
सवाल है कि तीन साल तक योगदान आख्या का महानिदेशालय को क्यों नहीं पता चला ? किस बाबू ने फाइल दबाई और जब सीएमओ के यहां तैनाती नहीं थी तो वहां से कैसे ट्रांसफर किया गया ? जांच होगी तो ऐसे बहुत सारे मामले सामने आ सकते हैं।