जुबिली न्यूज़ डेस्क
रांची। कोरोना संक्रमण को रोकने सार्वजनिक नदी -तालाबों और डैम पर छठ पूजा के आयोजनों पर रोक लगाने के झारखंड सरकार के आदेश को लेकर बवाल की स्थिति है। आदेश रविवार देर शाम जारी किया गया। इसे लेकर छठ व्रतियों में आक्रोश देखा जा रहा है।
हालांकि बिहार सरकार ने ऐसी कोई रोक नहीं लगाई है। बता दें कि बिहार और झारखंड में छठ पूजा का अपना महत्व है। एक सरकारी आदेश ने झारखंड में बड़े स्तर पर मनाए जाने वाले छठ पर्व का उत्साह कम कर दिया है।
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कोरोना संक्रमण को रोकने सार्वजनिक नदी-तालाबों और डैम पर छठ पूजा के आयोजनों पर रोक लगाने के झारखंड सरकार के आदेश को लेकर बवाल की स्थिति है। आदेश रविवार देर शाम जारी किया गया। इसे लेकर छठ व्रतियों में आक्रोश देखा जा रहा है। हालांकि बिहार में ऐसा कोई आदेश नहीं निकाला गया। बता दें कि झारखंड और बिहार में छठ पूजा व्यापक स्तर पर होती है।
झारखंड सरकार के इस आदेश को लेकर लोगों में आक्रोश है। रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उधर, आशंका जताई जा रही है कि रोक के बावजूद लोग घाटों पर जाएंगे।
ऐसी स्थिति में प्रशासन को कानून व्यवस्था का पालन कराना मुश्किल हो सकता है। बता दें कि आमतौर पर प्रशासन ही घाटों पर व्यवस्था करता है, लेकिन अब सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। छठ पर लाखों लोग विभिन्न नदी-तालाबों और डैम के घाटों पर उमड़ते हैं। बिहार सरकार ने तालाब के किनारे छठ पर्व मनाने की छूट दी है। लेकिन गंगा और अन्य नदियों के किनारे पाबंदी है।
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