लखनऊ। निदेशक आंतरिक लेखा संतोष अग्रवाल को स्थानांतरण में धांधली के चलते हटाया गया, और उनके द्वारा किये गए सभी तबादलों को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया।
क्या है मामला
स्थानांतरण सत्र वर्ष 2021-22 में 456 लेखा कार्मिकों के अनियमित स्थानांतरण किये गये जिसकी भनक शासन को लग गई और सभी तबादलों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
जानकारी के अनुसार कई लेखाकर्मियों ने स्थानातर के बाद दूसरे विभागों में ज्वाइन कर लिया है, उन पर रोक कैसे लगेगी ,यह स्पष्ट नहीं है। शासन ने दिनांक 27 जुलाई के अपने आदेश में कहा है कि संतोष अग्रवाल ,निदेशक आंतरिक लेखा परीक्षा निदेशालय उ.प्र.को 456 कार्मिकों के स्थांनांतरण निर्धारित नीति के विरूद्ध किया है। इस आधार पर इनको तत्काल कार्यमुक्त करके निदेशक कोषागार कार्यालय से सम्बद्ध किया जाता है।
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नील रतन कुमार विशेष सचिव वित्त को निदेशक का अतिरिक्त कार्याभार लेने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के अनुसार निदेशक संतोष अग्रवाल की सेवा निवृत्ति माह नवम्बर 2021 है और
जांच अधिकारी नामित
वित्त नियंत्रक ,कार्यालय प्रमुख वन संरक्षक आलोक अग्रवाल और समीर विशेष सचिव को संयुक्त रुप से नामित किया है।
पहले भी लगे हैं आरोप
- निदेशक संतोष अग्रवाल पर पहले भी तमाम तरह की अनियमितता करने के आरोप लगे हैं।
- कई सीनियर आडिटर और लेखाकारों की सीनियारिटी को दरकिनार करके प्रोन्नत करने के आरोप लगे।
- सूत्र बता रहे हैं कि विभागों के आडिट प्रोग्राम भी बिना किसी नियम के एप्रूव किये गये और किसी विभाग के आडिट रिपोर्टों की नियमानुसार
- गुणवत्ता भी नहीं देखी जाती है इसलिये प्रदेश के विभागों में आडिट का स्तर भी काफी गिरा है।
- हांलाकि सूत्र कह रहे हैं कि निदेशालय में हो रही अनियमितताओं में वहां के एक अपर निदेशक की बड़ी भूमिका है।