न्यूज डेस्क
चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम को नासा भी नहीं खोज पाया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने लैंडर विक्रम को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है।
नासा ने कहा है कि दक्षिणी ध्रुव पर रात होने के कारण लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) चंद्र सतह पर बेजान पड़े विक्रम की तस्वीर नहीं ले सका।
नासा ने कहा है कि अब हम विक्रम लैंडर को दोबारा अक्टूबर में खोजने का प्रयास करेंगे।
नासा के मुताबिक लैंडर विक्रम की चांद के सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के दौरान विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया था।
हालांकि इसके अलावा नासा ने चंद्र सतह की कई तस्वीरें जारी की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन गढ्ढों के पीछे छाए घने अंधेरे में लैंडर विक्रम कहीं पड़ा हुआ है जिससे उसकी तस्वीर नहीं आ सकी।
नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है कि विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 600 किमी दूर गिरा था। 17 सितंबर को LRO ने उस इलाके के ऊपर से उड़ान भरी, लेकिन शाम का माहौल होने की वजह से उस जगह की सही तस्वीर नहीं आ पाई है। इसलिए हम विक्रम लैंडर को खोज नहीं पाए। इसे दोबारा अक्टूबर में खोजने का प्रयास करेंगे, जब वहां पूरी रोशनी होगी।
Our @LRO_NASA mission imaged the targeted landing site of India’s Chandrayaan-2 lander, Vikram. The images were taken at dusk, and the team was not able to locate the lander. More images will be taken in October during a flyby in favorable lighting. More: https://t.co/1bMVGRKslp pic.twitter.com/kqTp3GkwuM
— NASA (@NASA) September 26, 2019
इधर, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बेहतरीन काम कर रहा है। उसके सारे पेलोड (यंत्र) सही तरीके से काम कर रहे हैं। ऑर्बिटर ने चांद की सतह को लेकर प्रयोग करने शुरू कर दिए हैं। हमें लैंडर से कोई सिग्नल नहीं मिला है, लेकिन हमारा ऑर्बिटर अभी भी चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए उम्दा प्रदर्शन कर रहा है।
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क्या कहा था नासा ने
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नोआ.ई.पेत्रो ने बताया था कि चांद पर शाम होने लगी है।
हमारा LRO विक्रम लैंडर की तस्वीरें तो लेगा, लेकिन इस बात की गारंटी नहीं है कि तस्वीरें स्पष्ट आएंगी, क्योंकि, शाम को सूरज की रोशनी कम होती है और ऐसे में चांद की सतह पर मौजूद किसी भी वस्तु की स्पष्ट तस्वीरें लेना चुनौतीपूर्ण काम होगा। लेकिन जो भी तस्वीरें आएंगी, उन्हें हम भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो से साझा करेंगे।
गौरतलब है कि 7 सितंबर को तड़के 1.50 बजे के आसपास इसरो ने विक्रम लैंडर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने की कोशिश की थी, लेकिन यह लैंडिंग उम्मीद के मुताबिक नहीं हो सकी और विक्रम से संपर्क टूट गया था।
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