जुबिली न्यूज़ डेस्क
सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर देवबंद ने प्रेस रिलीज जारी कर महिलाओं का समर्थन किया है। साथ ही देवबंद ने उलेमा द्वारा दिये उस बयान को भी खारिज कर दिया है जिसमे धरना खत्म करने की अपील की गई थी।
दरूल उलूम द्वारा प्रदर्शन ख़त्म करने की अपील की वीडियो क्लिप या इस तरह की अफ़वाह को ख़ारिज करने की बात कहते हुए उनकी मीटिंग को ग़लत ढंग से पेश किए जाने का आरोप लगाया है। इसमें दावा किया गया है कि उनकी मीटिंग शांतिपूर्ण प्रदर्शन को अनवरत जारी रखने के लिए की गयी थी।
देवबंद से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि भारतीय सविधान बचाने के लिए की जा रही जद्दोजहद जारी रहनी चाहिए। भारत सरकार द्वारा जारी किया गया बयान जिसमे सरकार ने बयान दिया है कि एनआरसी को देशभर में लागू नही किया जाएगा, इस बयान से दारूलउलूम संतुष्ट नहीं है।
साथ ही देवबंद ने एनआरसी और सीएए को बेहद गम्भीर मामला बताते हुए ऐलान किया है कि सीएए की वापसी और एनआरसी को कभी देश में लागू न करने का पूरा विश्वास न कराने तक हक़ की लड़ाई शांतिपूर्ण जारी रहेगी।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में चल रहे धरने को खत्म करने की देवबंद के कुछ उलेमा की अपील पर शाहीन बाग की आंदोलनकारी महिलाओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इन महिलाओं का कहना था कि शाहीन बाग में कोई मजहबी लड़ाई नहीं हो रही है जो उनकी बात मानी जाए।
दरअसल देवबंद में गुरुवार को जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने मदरसा दारुल उलूम में व्यवस्थापकों से बातचीत की थी, जिसके बाद देवबंद में जारी महिलाओं का धरना प्रदर्शन खत्म करने की अपील की गई थी। लेकिन वहां की महिलाओं ने उनकी इस अपील को ठुकरा दिया था। वहीं शुक्रवार को देवबंद का वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा जिसमें वहां के उलेमा शाहीन बाग की महिलाओं से धरना खत्म करने की अपील कर रहे थे।
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शाहीन बाग़ में सीएए के विरोध के नाम पर चल रहे प्रदर्शन को लेकर देवबंद के कुछ उलेमा ने कहा था कि शाहीन बाग़ आंदोलन को अब बंद कर देना चाहिए क्योंकि सरकार ने एनआरसी लाने से मना कर दिया है।
अपने बयान में देवबंद की ओरर से कहा गया कि महिलाओं को धरना ख़त्म कर देना चाहिए, क्योंकि गृहमंत्रालय ने साफ कर दिया है कि एनआरसी लाने का फिलहाल कोई इरादा नही है। यह इस आंदोलन की कामयाबी है, इसलिये अब इस धरने को बंद कर देना चाहिए।
इसके बाद देवबंद की इस अपील पर शाहीन बाग की महिलाओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे खारिज कर दिया था।
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