Saturday - 2 November 2024 - 11:59 PM

नेपाल में छोड़े गए पानी से बिहार की कई नदियां उफान पर

जुबिली न्यूज़ डेस्क

बिहार में गंडक व कोसी सहित कई नदियों के जल-स्‍तर में वृद्धि के कारण बाढ़ के हालात गंभीर हो गए हैं। गंडक खतरे के निशान पार कर गई है। उधर, कोसी तटबंध के अंदर बसे गांवों में भी पानी घुस गया है। इससे हजारों लोग विस्‍थापित हो चुके हैं। कई जिलों के बीच सड़क संपर्क भंग हो चुका है। भोजन और पशुचारा का संकट बढ़ गया है। सैकड़ों घर ध्वस्त हो चुके हैं। इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान डूबने से 10 लोगों की मौत हुई है।

बिहार के गोपालगंज जिले में सारण मुख्य तटबंध दो जगहों पर टूट गया है। सारण मुख्य तटबंध टूटने से पहले बरौली के सिकटिया गांव के समीप रिंग बांध टूट गया। जिससे 40 से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।

सारण तटबंध टूटने से देवापुर के समीप एनएच 28 पर बाढ़ का पानी बह रहा है। बाढ़ का पानी बरौली प्रखंड के गांवों को डूबते हुए सिधवलिया, बैकुंठपुर की ओर बढ़ रहा है।

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बाढ़ के पानी से मांझागढ़, गोपालगंज, बरौली, बैकुंठपुर, सिधवलिया प्रखंडों अलावे सीमावर्ती सिवान जिले के लकड़ी नवीगंज, गोरेयाकोठी, बसंतपुर प्रखंड, सारण जिले के मशरक, इसुआपुर, तरैयां, पन्नापुर, मढ़ौरा प्रखंड बाढ़ से प्रभावित होंगे। तटबंध टूटने की सूचना मिलते ही चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई है। लोग अपना-अपना सामान, बोरिया-विस्तर समेटने लगे हैं। बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं।

उधर नेपाल के वाल्मीकी नगर बराज से छोड़े गए सर्वाधिक साढे चार लाख क्यूसेक पानी के गोपालगंज पहुंचने के बाद गुरुवार को गंडक नदी बेकाबू हो गई। एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पानी के तटबंध के ऊपर से बहने की स्थिति बन गई है। विश्वंभरपुर में जलस्तर खतरे के लाल निशान से दो मीटर ऊपर पहुंच गया है। बीस से अधिक जगहों पर रिसाव से तटबंध के टूट जाने का खतरा बढ़ गया है। सिकटिया गांव के पास छरकी के ऊपरी भाग और नदी के जलस्तर में मात्र एक फुट की दूरी बच गई है।

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सलेमपुर मठिया टोला के सामने छरकी के किनारे स्थित दुर्गा मंदिर के छत तक पानी पहुंच गया है। वहां पीछे की तरफ नदी छरकी में कटाव कर रही है। सिधवलिया थाने के हसनपुर गांव के पास बाढ़ का पानी छरकी से ओवर टॉप की स्थिति में पहुंच गया है।

सरफरा व देवापुर गांव के पास छरकी व सारण बांध में कई स्थलों पर तेज रिसाव हो रहा है। जलसंसाधन विभाग तटबंध को बचाने में जुटा है। नदी के जलस्तर में तेजी से लगातार वृद्धि हो रही है। बाढ़ से सहमे तटवर्ती गांवों के ग्रामीण लगातार पलायन कर रहे हैं। अब तक बाढ़ से 45 गांव पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। दो हजार से अधिक घरों में पानी घुस गया है।

इंजीनियरों ने बताया कि गंडक नदी विशम्भरपुर में लाल निशान से 2 मीटर, पतहरा में 170, डुमरिया घाट में 145 व मटियारी में लाल निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है। जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। सारण बांध व छरकियों पर पानी का दबाव बढ़ गया है।

devastation from flood in bihar saran embankment of gopalganj broken after water released in nepal

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बुधवार से वाल्मीकी नगर बराज से लगातार ढाई लाख से भी कम पानी छूटने लगा है। जिससे नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावना है। पतहरा में जलस्तर बढ़ने की रफ्तार कम होने लगी है।

बांध व छरकियों को बचाने के लिए जिले के अधिकारी रात दिन जुटे हुए हैं। इनकी रातें छरकी व बांध पर ही कट रही हैं। डीएम अरशद अजीज, एसडीएम उपेन्द्र पाल व अन्य अधिकारियों ने बुधवार की देर रात सिकटिया, भैसहीं, पतहरा, ख्वाजेपुर, विक्रमपुर सहित सारण बांध व छरकियों के कई स्थलों का निरीक्षण किया व मरम्मत कार्य की जानकारी ली।

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