जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ / आगरा. जल समाधि लेने की धमकी देकर शासन-प्रशासन में हड़कम्प मचा देने वाले अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास मंगलवार को ताजमहल घूमने पहुँच गए. उन्होंने बाकायदा लाइन में लगकर टिकट खरीदा लेकिन ताजमहल की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने उन्हें इंट्री नहीं दी और गेट से ही लौटा दिया.
महंत परमहंस दास ताजमहल में प्रवेश करने के लिए अड़े रहे लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ब्रह्मदंड के साथ ताजमहल में इंट्री देने से इनकार कर दिया. सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वह इसे गेट पर जमा करवा दें, वह जैसे ही वापस लौटेंगे उन्हें ब्रह्मदंड सौंप दिया जायेगा लेकिन महंत ब्रह्मदंड के साथ ही भीतर घुसना चाहते थे. महंत को पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने भी बताया कि लोहे का दंड ताजमहल में नहीं ले जाया जा सकता. यह नियमों में नहीं है. अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि महंत परमहंस दास से निवेदन किया गया कि ताजमहल के भीतर लोहे का दंड ले जाने की परम्परा नहीं है. यह नियम किसी के लिए भी तोड़ा नहीं जा सकता.
महंत परमहंस दास ने ताजमहल के गेट पर सुरक्षाकर्मियों से भिडंत का अपना वीडियो बनवाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इस वीडियो में महंत ने कहा कि उन्हें रोका गया क्योंकि वह भगवा वस्त्र पहने थे. महंत ने कहा कि ताजमहल में धर्म विशेष के लोगों को महत्व दिया जाता है. उन्होंने कहा कि देश को ताजमहल का गलत इतिहास पढ़ाया जा रहा है. यह ताजमहल नहीं बल्कि भगवान शिव का मन्दिर है तेजो महालय.
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