न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। फर्जी मास्टर रोल तैयार कर होमगार्डों के वेतन निकासी मामले में गौतमबुद्ध नगर में करोड़ों का घोटाला हुआ है। जांच में पता चला है कि ड्यूटी लगाने वाले अधिकारी तय संख्या से कम होमगार्डों को तैनात करते थे, कागज पर पूरी संख्या दिखाकर वेतन निकाल लेते थे।
यह घोटाला कई सालों से चल रहा था। शासन के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी नोएडा में तहकीकात कर रही है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद नोएडा पुलिस जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करेगी।
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पुलिस के अनुसार नोएडा में करीब 500 होमगार्ड हैं। इन्हें ड्यूटी करने पर प्रतिदिन के हिसाब से 600 रुपये मिलते हैं। इनकी तैनाती थानों के अलावा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय में होती है। साथ ही किसी कार्यक्रम, जुलूस, ट्रैफिक विभाग में भी ड्यूटी लगाई जाती है।
जुलाई में होमगार्ड के प्लाटून कमांडर ने एसएसपी वैभव कृष्ण से शिकायत की थी कि होमगार्डों की तैनाती व वेतन निकासी में अधिकारियों द्वारा घपला किया किया जा रहा है। इसके बाद एसएसपी ने इसकी जांच एसपी सिटी को दी।
एसपी सिटी ने जांच की तो पता चला कि मई व जून में ही करीब आठ लाख रुपये का घोटाला वेतन निकासी में हुआ है। एसपी सिटी की रिपोर्ट के बाद एसएसपी ने शासन को पत्र भेजकर होमगार्ड के जिम्मेदार अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।
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इस पर शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के लिए नोएडा भेजा। यह कमेटी अभी भी नोएडा में जांच कर रही है। एसएसपी की माने तो यह घोटाला कई सालों से चल रहा है। आशंका है कि करोड़ों रुपये की गलत निकासी की गई है।
इस तरह हुआ घोटाला
होमगार्डों की ड्यूटी रोजाना लगाई जाती है। इसके लिए होमगार्ड के अधिकारी मास्टर रोल तैयार करते हैं। घोटाला ऐसे हुआ कि अगर किसी थाने या ऑफिस में पांच होमगार्डों की जरूरत है तो मास्टर रोल पर पांच की जगह 10 या 12 होमगार्ड को ड्यूटी पर दिखाया जाता था।
इसके लिए उस थाने व ऑफिस का फर्जी मुहर भी इस्तेमाल की जाती है। इस तरह पांच की जगह 10 या 12 होमगार्डों का मास्टर रोल तैयार किया जाता था। इसके एवज में उन होमगार्डों को भी कुछ पैसे मिलते थे। जिनका फर्जी मास्टर रोल पर नाम होता था।
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घोटाले की जांच के लिये बनी समिति
उत्तर प्रदेश सरकार ने होमगार्ड को वेतन देने के मामले में हुये घोटाले के मामले में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। होमगार्ड के जवानों की फर्जी ड्यूटी दिखाकर वेतन हड़पने का फर्जीवाड़ा सामने आया है। गौतमबुद्धनगर जिले में दो महीने की जांच में इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस घोटाले की जांच के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय गठित समिति से दस दिन में रिपोर्ट मांगी है।
2 की ड्यूटी लगाई, 10 का वेतन हड़पा
कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां थानों में दो होमगार्ड की ड्यूटी लगाई गई और 10 होमगार्ड की ड्यूटी दिखाकर वेतन लिया गया। इसके लिए थाने की फर्जी मोहर का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है।
इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
होमगार्डों के फर्जी मास्टर रोल तैयार कर करोड़ों की निकासी की जांच शासन की तीन सदस्यीय टीम कर रही है। शासन के आदेश के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
– वैभव कृष्ण, एसएसपी, नोएडा
ऐसे घोटाले पूरे यूपी में हो रहे है। इस महाघोटाले में आर. के. चौरसिया की मुख्य भूमिका रही है। इनके काले कारनामे के खिलाफ जिसने आवाज उठाई उसको नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। हमने भी जब आवाज उठाई तो हमको भी टर्मिनेट कर दिया गया। यूपी के हर जनपद में ऐसा खेल किया जा रहा है। किसी भी स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच करवानी चाहिए ताकि और बड़े- बड़े घोटाले से पर्दा उठे।
– रामेन्द्र कुमार यादव, प्रदेश अध्यक्ष, होमगार्ड एसोसिएशन
आशंका जताई कि अगर एक जिले में इस तरह की गड़बड़ी हो रही है, तो अन्य जिलों में भी ऐसा संभव है। उन्होंने बताया कि डीजी होमगार्ड के सीनियर स्टाफ अफसर सुनील कुमार, मिर्जापुर के वरिष्ठ जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह और बागपत की जिला कमांडेंट नीता भारती को जांच के लिए नोएडा भेजा गया है। यह टीम पता लगाएगी कि पूरा फर्जीवाड़ा किस तरह से किया गया। मॉडस अपरेंडी क्या थी? इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे?
– अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, होमगार्ड विभाग
पूरे प्रदेश में होमगार्ड के वेतन का ऑडिट करवाया जाएगा और फर्जीवाड़े की जांच डीआईजी होमगार्ड करेंगे।
– चेतन चौहान, मंत्री, होमगार्ड