जुबिली न्यूज डेस्क
अमेरिकी संसद भवन कैपिटॉल में ट्रंप समर्थकों के घुसने के बाद देश लोकतंत्र को लेकर शर्मसार हुआ है। इसको लेकर राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर अमेरिका के लोगों में नाराजगी है। इसीलिए ट्रंप को जल्द से जल्द ट्रप को जल्द से जल्द राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग पद से हटाने की मांग की जा रही है।
ट्रंप का कार्यकाल 19 जनवरी तक है, बावजूद इसके अमेरिकी संसद को उनका यह कार्यकाल भारी लग रहा है। अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा है कि सदन में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाएगा।
इसके साथ ही पलोसी ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट पर दबाव बनाया है कि वो संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर ट्रंप को हटाने की प्रक्रिया शुरू करें।
कैपिटॉल पर घातक हमले के बाद ट्रप को जल्द से जल्द राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग ट्रंप को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया जा रहा है। नैन्सी पेलोसी ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “हम इस मामले में तुरंत कार्रवाई करेंगे क्योंकि राष्ट्रपति एक खतरे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस राष्ट्रपति के द्वारा हमारे लोकतंत्र पर हमले का डर लगातार बना हुआ है और इसलिए तुरंत कार्रवाई की जरूरत है।”
सोमवार को सदन में इस मुद्दे पर कार्रवाई शुरू हो सकती है क्योंकि ट्रंप को हटाने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को ही इस मुद्दे पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में मतदान भी हो सकता है। मतदान के बाद सदन में महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने से पहले उपराष्ट्रपति पेंस के पास फैसला लेने के लिए 24 घंटे का वक्त होगा।
अलग-थलग पड़े डोनॉल्ड ट्रंप
कैपिटॉल पर हमले के बाद से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-थलग पड़ गए हैं। यहां तक कि रिपब्लिकन पार्टी के सांसद भी इसकी मांग में खुल कर सामने आ गए हैं।
अलास्का की सिनेटर लीसा मुरोकोव्स्की के बाद अब पेन्सिल्वेनिया की सीनेटर पैट टूमी ने भी मांग की है कि ट्रंप, “तुरंत इस्तीफा दे कर जितनी जल्दी हो सके दूर चले जाएं।” व्हाइट हाउस में ट्रंप के आखिरी 10 दिन बेहद उथल पुथल वाले रहने की आशंका बन रही है।
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सांसद चेतावनी दे रहे हैं कि 20 तारीख को जो बाइडन के शपथग्रहण समारोह से पहले राष्ट्रपति कुछ नुकसान कर सकते हैं।
अलग-थलग पड़े ट्रंप अब भी चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहे हैं लेकिन इसके पक्ष में कोई सबूत अब तक पेश नहीं कर सके हैं। अमेरिका की कई अदालतों में इस शिकायत के साथ मामले दर्ज कराने की कोशिश की गई लेकिन जजों ने ये मामला खारिज कर दिया। इनमें वो जज भी शामिल हैं जिन्हें डोनॉल्ड ट्रंप ने नियुक्त किया।
महाभियोग की योजना
महाभियोग की योजना पर पैट टूमी ने संदेह जताया है कि जो बाइडेन के शपथग्रहण से पहले यह मुमकिन हो सकता है। हालांकि ऐसे सांसदों की संख्या बढ़ती जा रही है जो मानते हैं कि महाभियोग की कार्रवाई जरूरी है ताकि डॉनल्ड ट्रंप फिर कभी चुनाव में हिस्सा ना ले सकें।
टूमी ने कहा, “मेरा ख्याल है कि राष्ट्रपति ने खुद को हमेशा के लिए अयोग्य बना लिया है। निश्चित रूप से वे फिर यहां कभी नहीं आएंगे। मुझे नहीं लगता कि वे किसी भी तरह से चुने जाने के योग्य हैं।
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डेमोक्रैटिक पार्टी की योजना सोमवार को महाभियोग लाने की है. रणनीति यह है कि राष्ट्रपति के कदमों की तुरंत निंदा की जाएगी लेकिन सीनेट में महाभियोग पर मुकदमे को 100 दिन बाद शुरू किया जाएगा। इससे निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को शपथग्रहण के बाद अपनी प्राथमिकताों पर काम करने के लिए वक्त मिल जाएगा.
रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सांसदों का कहना है कि यह महाभियोग के लिए उचित समय नहीं है। उनका मानना है कि इस वक्त देश को लोकतंत्र के लिए एकजुट होने की जरूरत है।
कैपिटॉल पर डोनॉल्ड ट्रंप समर्थकों के हमले के बाद अमेरिका में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पहली नजर में यह हमला जितना बड़ा और घातक लगा था उसकी तुलना में इसके कहीं ज्यादा नुकसानदेह होने की बात कही जा रही है।
उपद्रवियों की भीड़ संसद भवन के भीतर घुस गई थी और सांसदों को अपनी सुरक्षा के लिए कमरों में बंद होना या भागना पड़ा था। इनमें उपराष्ट्रपति, स्पीकर और दूसरे वरिष्ठ नेता भी शामिल थे।
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