लखनऊ। लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर काला फीता बांधकर अपना विरोध प्रदर्शन किया है। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा के लोग जमा हुए और काला फीता बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा की माने तो सरकार से बार-बार अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं लेकिन सरकार इसे बेखबर नजर आ रही है। इससे पहले भी कई बार विरोध प्रदर्शन किया है लेकिन अश्वासन मिलने के बाद इसपर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
यह विरोध प्रदर्शन सभी राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरैश रावत और महामंत्री अतुल मिश्रा द्वारा घोषित आन्दोलन के समर्थन में लोहिया अस्तित्व बचाओ मोर्चा द्वारा काली फीता बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करने के लिए किया गया।
इसके साथ ही निजीकरण, आउटसोर्सिंग व ठेकेदारी व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने व नई पेंशन को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना की बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर इंडियन सर्विस एम्पालाइज फेडरेशन और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने शुक्रवार को अपनी ने 18 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
यह प्रदर्शन सभी कार्यालयों में किया गया है। लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा परिषद से जुड़ा सगठन है। इसलिए परिषद के निर्देश पर डॉ राम मनोहर लोहिया आयुविज्ञान संस्थान गोमतीनगर लखनऊ में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मांगों के समर्थन में आंदोलन सुचारू रूप से सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर कर्मचारियों की मांग है की नई पेंशन को समाप्त करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। निजीकरण, आउटसोर्सिंग एवं ठेकेदारी व्यवस्था पूरी तरह समाप्त की जाए। उक्त व्यवस्थाओं के तहत कार्यरत कर्मचारियों को समायोजित किया जाए। रिक्त पदों के सापेक्ष नियमित नियुक्तियां की जाए। संविदा, आउटसोर्सिंग व अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मियों को समान कार्य का समान वेतन निर्धारित किया जाए।
राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की भांति समस्त भक्तों की समानता प्रदान की जाए। साथ ही फील्ड कर्मचारियों को वाहन भत्ता प्रदान किया जाए। डिप्लोमा इंजीनियर की भांति समस्त राज्य कर्मचारियों को वेतनमान दिया जाए।
इसके साथ ही उनकी यह भी मांग है कि प्रदेश में सीधी भर्ती की अधिकतम आयु 40 वर्ष के दृष्टिगत एसीपी में 8, 16 व 24 वर्ष की सेवा पर तीन पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाए।50 साल की सेवा पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग के माध्यम से जबरन सेवानिवृत्ति को बंद किया जाए। उपार्जित अवकाश के संचय की 300 दिन की सीलिंग समाप्त हो। सेवानिवृत्ति पर 300 दिन के अवकाश नकदीकरण को बढ़ाकर छह सौ किया जाए। इसके अतिरिक्त पूर्व में लागू व्यवस्था को बहाल किया जाए।