जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पूरा देश कोरोना के कहर से जूझ रहा है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ चुकी हो लेकिन कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने लोगों को दहशत में डाल दिया है।
जानकारी के मुताबिक अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 51 मामले आ चुके हैं। इतना ही नहीं देश के 12 राज्यों में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आने की बात कही जा रही है।
इसमें महाराष्ट्र में 22 मामले सामने आये है जबकि तमिलनाडु में डेल्टा प्लस की संख्या नौ बतायी जा रही है। वहीं मध्य प्रदेश में सात, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, कर्नाटक में एक-एक मामला सामने आया है।
इस वजह से केंद्र सरकार की भी नींद उड़ती नजर आ रही है। उधर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा है कि डेल्टा प्लस के केस बहुत सीमित हैं।
उन्होंने बताया कि 50 मामले हैं जो 12 जिलों में इस तरह के केस सामने आये है। जरूरी बात यह है कि सभी 12 जिलों में सामने आए हैं और यह पिछले तीन महीनों में हुआ है. यह नहीं कहा जा सकता कि किसी भी जिले या राज्य में इसकी वृद्धि की प्रवृत्ति है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को देखते हुए सर्तक हो गया है । उसने देर किये बगैर जिन राज्यों में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता चला है वहां को लेकर सख्त निर्देश भी जारी कर दिए है।
केंद्रीय स्वास्थ्य ने मंत्रालय शुक्रवार को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से उन जिलों में प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण और तेज करने को कहा है। इसके साथ उसने भीड़ को रोकने, व्यापक जांच करने जैसे रोकथाम उपाय करने का आग्रह किया।
कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों के पर्याप्त नमूने तत्काल भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्शिया (INSACOG) की प्रयोगशालाओं में भेजे जाएं।
इसके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, गुजरात और हरियाणा को पत्र भी लिखा है। उसने पत्र के माध्यम से इन उपायों का सुझाव दिया है।
इन राज्यों के 10 जिलों में अलर्ट
- तमिलनाडु- मदुरई, कांचीपुरम और चेन्नई
- राजस्थान- बीकानेर
- कर्नाटक- मैसूरु
- पंजाब- पटियाला और लुधियाना
- जम्मू कश्मीर- कटरा
- हरियाणा- फरीदाबाद
- गुजरात- सूरत
- आंध्र प्रदेश- तिरुपति