जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ गई हो लेकिन सरकार का अब पूरा ध्यान वैक्सीनेशन पर है। हालांकि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट अब नई परेशानी बनकर सामने आया है। इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कुछ अहम जानकारी मीडिया में साझा की है।
डेल्टा प्लस को लेकर कहा जा रहा है कि डेल्टा और अल्फा वेरिएंट ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इसका मतलब यह है कि ये तेजी से फैल सकता है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के बाद महाराष्ट्र और केरल में इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।
उधर वैज्ञानिक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार इस वेरिएंट पर नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग बुलेटिन जारी हो सकती है।
दूसरी ओर देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के देश में 22 केस है। इसके बाद मंत्रालय ने इसे लेकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को पत्र लिखा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट इस समय 80 देशों में है। डेल्टा प्लस वैरिएंट नौ देशों में पाए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पत्रकारों से डेल्टा प्लस वेरियंट को लेकर बताया है कि ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन में है। हालांकि भारत में डेल्टा प्लस वेरियंट ने भी दस्तक दी है और अब तक 22 मामले हैं। अभी इसे वेरियंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में रखा गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केरल, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरियंट के केस मिले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया है कि इसको लेकर राज्यों को पत्र लिखा है और सर्तक कर दिया गया है।
राज्यों को चिट्ठी लिखकर डेल्टा प्लस वेरियंट से निपटने के तरीके बनाए गए हैं। भूषण ने बताया कि डेल्टा वेरियंट दुनिया के 80 देशों में है, जिसमें भारत भी शामिल है। इसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है.