जुबिली न्यूज डेस्क
फरवरी माह में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में पहले पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा और अब उसकी चार्जशीट पर उठ रहा है। पिछले दिनों पुलिस की चार्जशीट पर सवाल उठा था जब दिल्ली दंगों की जांच मामले में दो छात्रों के बयानों की बात हो रही है जिसके आधार पर फाइल की गई सप्लिमेंट्री चार्जशीट में प्रोफेसर जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम आया था।
एक बार फिर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट चर्चा में है। दंगे के मामले में पुलिस ने जो आरोप-पत्र (चार्जशीट) दायर किया है उसमें कहा गया है कि सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, माकपा नेता वृंदा करात और उदित राज शामिल थे।
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उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगों से संबंधित मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां और सुरक्षा प्राप्त एक गवाह का हवाला देते हुए पुलिस ने कहा कि उन्होंने अपने बयानों में इन भाषणों का खुलासा किया है।
इस साल नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में 24 फरवरी को सीएए-एनआरसी को लेकर साम्प्रदायिक दंगे शुरू हो गए थे, जिसमें इसमें 53 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 200 लोग घायल हो गए थे।
नेताओं ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर लोगों को भड़काया
पुलिस ने अपने आरोप-पत्र में कहा है कि सुरक्षा प्राप्त गवाह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत रिकॉर्ड किए अपने बयान में कहा है कि कई जाने माने लोग मसलन नेता उदित राज, पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद, बृंदा करात खुरेजी स्थित प्रदर्शन स्थल पर आए थे और उन्होंने ‘भड़काऊ भाषण’ दिए। गवाह ने कहा है कि सीएए/एनपीआर/एनआरसी के खिलाफ भाषण देने उदित राज, सलमान खुर्शीद, बृंदा करात, उमर खालिद जैसे कई जाने माने लोग खुरेजी वाले प्रदर्शन स्थल पर आया करते थे।
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आरोप-पत्र में आगे यह भी कहा गया है कि जहां ने अपने बयान में आरोप लगाया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों को जारी रखने के लिए खुर्शीद, फिल्मकार राहुल रॉय और भीम आर्मी के सदस्य हिमांशु जैसे लोगों को उन्होंने और कार्यकर्ता खालिद सैफी ने जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के निर्देशों पर बुलाया था।
जहां ने कहा, ‘प्रदर्शन को लंबे समय तक जारी रखने के लिए मैंने और खालिद सैफी ने जेसीसी के निर्देशों पर सलमान खुर्शीद, राहुल रॉय, भीम आर्मी के सदस्य हिमांशु, चंदन कुमार को बुलाया। उन्होंने भड़काऊ भाषण दिए, जिसके कारण प्रदर्शन में बैठे सभी लोग सरकार के खिलाफ गुस्से से भर जाते थे।’
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सैफी ने बयान में कहा है कि जनवरी 2020 में हुए सीएए-विरोधी प्रदर्शनों में ‘स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, सलमान खुर्शीद भी भाषण देने आते थे।’
लोगों को जुटाना अपराध नहीं
इस मामले में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, ‘अगर कोई कहता है कि 12 लोग आए और उन्होंने भड़काऊ भाषण दिए, यह नहीं हो सकता कि सभी 12 लोगों ने एक जैसे भड़काऊ भाषण दिए होंगे और सभी का एक जैसा स्तर रहा होगा। लोगों को जुटाना इस देश में कोई अपराध नहीं है।’
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