स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीते दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा का मामला लगातार सुर्खियों में है। हालांकि हिंसा के बाद अब स्थानीय पुलिस इस पर कड़ा एक्शन लेती नजर आ रही है। पुलिस ने अब तक इस मामले में 254 लोगों केस दर्ज किए हैं जबकि 903 लोगों को हिरासत लेकर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है।
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जानकारी के मुताबिक शस्त्र कानून के तहत 41 मामले दर्ज होने की बात कही जा रही है। उधर हिंसा वाले इलाकों में शान्ति स्थापित करने की पूरी कोशिश की जा रही है लेकिन अब कुछ इलाकों में स्थिती तनावपूर्ण बतायी जा रही है।
सभी जगह भारी पुलिस बल तैनात है और लगातार उन इलाकों में पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। हिंसा के कई दिन बीत जाने के बाद अब पता चला है कि उपद्रवियों ने हिंसा को अंजाम देने के लिए कई खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया था।
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पेट्रोल बम और तेजाब : हिंसा के दौरान कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले किया गया था। इस दौरान पेट्रोल बम और तेजाब का जमकर इस्तेमाल किया गया। जानकारी के मुताबिक उपद्रवी तेजाब को प्लास्टिक के पाउच में लेकर पहुंचे और लोगों पर हमला किया है।
पिस्तौल और तमंचा : पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि दंगे में पिस्तौल और तमंचा का भी खूब इस्तेमाल किया गया। जांच में 87 लोगों को गोली लगने की पुष्टि हुई है। इस दौरान दंगे में कई लोगों पर गोलियां चलायी गई और गोली लगने से कई लोगों की मौत हो गई।
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गुलेल : दंगों के दौरान उपद्रवियों ने गुलेल के सहारे भी लोगों पर खूब निशाना लगाया। बड़ी गुलेल रिक्शे पर लोहे के एंगल से बनाई गई थी, जिससे दूर तक खतरनाक वार किया जा सकता है।
चाकू और तलवार : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि लोगों पर चाकू और तलवार से भी हमला किया गया। अंकित शर्मा के शव को 40 से ज्यादा बार चाकू से गोदा गया है। इसके आलावा तलवार का भी जमकर इस्तेमाल किया गया है।
ईंट-पत्थर और रॉड-डंडे : इसके आलावा ईंट-पत्थर और रॉड-डंडे के सहारे हिंसा को विकराल रूप दिया गया। लोग बोरियों में इस तरह की चीजे लेकर आये थे और जमकर ईंट-पत्थर और रॉड-डंडे चलाये।