न्यूज डेस्क
दिल्ली-एनसीआर के लोग सतर्क हो जाए, खासकर बच्चे और बुजुर्ग। पिछले दो महीने से अच्छी हवा में सांस ले रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बुरी खबर है। अगले सप्ताह से यहां प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे बढऩा शुरु हो जायेगा।
प्रदूषण की चपेट में दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और सोनीपत भी आयेगा। लगातार रूक-रूककर
हो रही बारिश के चलते पिछले दो महीनों से दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर सामान्य था, जो अभी तक है।
पिछले दिनों ऐसी खबर आई थी कि दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने का सिलसिल शुरू हो चुका है और आने वाले दिनों में यह और जोर पकड़ेगा। जाहिर है इससे दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रभावित होगी।
अभी थोड़ी राहत यह है कि नमी भरी पूर्वी हवा चल रही है। इसकी वजह से फसल अवशेष का धुआं दिल्ली- एनसीआर में नहीं पहुंच रहा है। अनुमान के मुताबिक, 7 अक्टूबर के बाद हवा की दिशा में बदलाव होगा, इसके बाद लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी।
केन्द्र सरकार द्वारा संचालित संस्था सफर इंडिया (System of Air Quality and Weather Forecasting) ने अनुमान जताया है कि अगले सप्ताह से वायु की गुणवत्ता में गिरावट आने लगेगी। वायु गुणवत्ता, मौसम पूर्वानुमान अनुसंधान प्रणाली (Weather forecasting research system) पराली जलाया जाना इसकी मुख्य वजह मान रहा है।
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इसके अलावा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान जताया है कि उत्तर की ओर से चलने वाली हवा भी दिल्ली के मौसम पर असर डालने लगेगी। इससे दिल्ली का प्रदूषण बढ़ सकता है। वहीं इस महीने के अंत में दिवाली है, ऐसे में पटाखों के जलाए जाने से भी प्रदूषण में भारी इजाफा हो सकता है।
गौरतलब है कि पिछले साल हुए एक अध्ययन में भी सामने आया था कि देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, , फरीदाबाद, नोएडा और सोनीपत खराब हुई वायु गुणवत्ता के चलते तकरीबन 90 फीसद लोग किसी न किसी बीमारी से पीडि़त हो जाते हैं या फिर बेचैनी महसूस करने लगते हैं।
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे पटाखे फोड़े जाना एक बड़ी वजह है। यह भी सच है कि दिल्ली में प्रदूषण के चलते 60-70 फीसद बच्चों के फेफड़े खराब हो चुके हैं। इसके पीछे भी प्रदूषण एक बड़ी वजह है।
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