न्यूज़ डेस्क
केंद्र सरकार द्वारा नए मोटर व्हीकल एक्ट देश में लागू कर दिया है। इसके बाद से लगातार मेंहगे चालानों के कटने की खबर जगह जगह से आ रही है। जितना लोगों के गाड़ी की कीमत नहीं उसे मेंहगे चालान कट रहे है। इसी के विरोध में ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने 19 सितंबर को हड़ताल की घोषणा कर दी है। इस हड़ताल के तहत दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को सार्वजनिक वाहन नहीं चलेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार, इस हड़ताल में करीब 51 संगठनों ने शामिल होने की घोषणा की है। इसमें सार्वजनिक वाहनों के साथ-साथ स्कूल बस और कैब वाले वाहन भी शामिल हैं। कई गुना जुर्माना बढ़ने, बीमा की राशि और आरएफआइडी टैग का जरुरी होना सहित कई मसले के विरोध में ये हड़ताल की जा रही है। हड़ताल के दौरान करीब 25 हजार ट्रक 35 हजार ऑटो, 50 हजार टैक्सी और कैब नहीं चलेंगी।
दिल्ली सहित एनसीआर के कई स्कूलों में छुट्टी
वहीं, दूसरी तरफ हड़ताल की घोषणा होने के बाद ही दिल्ली सहित एनसीआर के कई स्कूलों ने छुट्टी कर दी है। ज्यादातर स्कूलों ने सातवीं क्लास तक की छुट्टी करने का निर्णय लिया तो वहीं कुछ स्कूलों ने सभी क्लास के बच्चों के लिए बंद कर दिया है। इस संबंध में स्कूलों ने अभिभावकों को नोटिस भेजकर सूचित किया है।
ये है यूएफटीए की मांगें
सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर यूएफटीए ने एक दिन चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। उनकी मांग है कि मोटर वहीकल एक्ट 2019 संशोधन बिल में बढ़े हुए चालान की रकम को वापस लिया जाए। इनकम टैक्स के एक्ट 44 एई को लेकर और वाहन बीमा में पांच लाख रुपए तक ही इंश्योरेंस कंपनियों को पेमेंट करने के आदेश के खिलाफ मांग रखी है।
कर सकते हैं बड़ा आंदोलन
दिल्ली ऑटो टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि कोई भी पीली प्लेट वाली गाड़ी आपको सड़कों पर नहीं दिखेगी। उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई में जुर्माने की भारी भरकम राशि देना हम लोगों के बस की बात नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारी मांग है। इस नए मोटर व्हीकल एक्ट को वापस लिया जाए और एमसीडी की तरफ से जो आर एफ टैक्स वसूला जा रहा है उसे वापस लिया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इससे बड़ा आंदोलन होगा।