न्यूज़ डेस्क
नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर फॉर पॉपुलेशन के खिलाफ पिछले एक महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन जारी है। इसके चलते पुलिस ने ओखला-कालिंदीकुंज सड़क को बंद कर दिया है जिसकी वजह से आमजन को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या पर आज मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रशासन को कानून के अनुसार काम करने को कहा है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कानून के तहत और आमलोगों के हित में काम करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि सरकार, जनहित को ध्यान में रखकर काम करे।
इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पक्ष रखा गया कि वह इस मामले में पक्षकार नहीं है और दिल्ली की कानून व्यवस्था उनके हाथ में नहीं हैं। हालांकि, हाईकोर्ट केंद्र-पुलिस को इसमें एक्शन लेने को कह दिया है। लेकिन अदालत की ओर से ना तो प्रदर्शन खत्म करने का आदेश दिया गया है और ना ही सड़क को तुरंत खोलने का आदेश दिया गया है।
दरअसल इस मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दूसरी बार याचिका दायर की गयी थी। इससे पहले इसी मामले पर दाखिल एक अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका अमित साहनी ने दायर की थी। याचिका दायर करते हुए उन्होंने मांग की थी कि प्रदर्शनकारी ओखला में शाहीन बाग की उस सड़क पर बैठे हुए हैं जो आगे जाके दिल्ली-आगरा हाइवे से जुड़ जाती है।
इसी सड़क पर अपोलो अस्पताल है। सुबह से शाम तक ही नहीं रातभर इस सड़क पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक भी रहता है। इन्ही सब वजहों को देखते हुए सड़क खुलवाने के आदेश जारी किए जाएं।
इससे पहले तुषार सचदेव और रमन कालरा ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इसमें ओखला-शाहीन बाग रोड को जल्द से जल्द खुलवाने की मांग की गई थी। इस संबंध में कुछ तर्क भी दिए गए थे, लेकिन बीते शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस याचिका को खारिज कर दिया था।
बता दें कि नागिरक संशोधन एक्ट और एनआरसी को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग़ के इलाके में पिछले करीब एक महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है। इसी के चलते दिल्ली पुलिस ने ओखला-कालिंदीकुंज रोड को बंद कर दिया है। यह रूट एक महीने से भी ज्यादा वक्त से यातायात के लिए ब्लॉक है।