जुबिली न्यूज़ डेस्क
देश से कोरोना वैक्सीन को देश के बाहर भेजने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि देश के सभी लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है और हम वैक्सीन को दूसरे देशों को भेज रहे हैं या फिर बेच रहे हैं।
इसके बाद कोर्ट की तरफ से सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया और भारत बायोटेक को ये निर्देश दिए कि वो वैक्सीन को लेकर अपनी निर्माण क्षमता के बारे में जानकारी दे।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने की।उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के पास अधिक मात्रा में कोरोना वैक्सीन बनाने की क्षमता है लेकिन ऐसा लग रहा है कि वह इसका पूरा फायदा नहीं उठा रहे हैं। इस मामले में जिम्मेदारी की भावना होनी चाहिए।
इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह वैक्सीन लगवाने के लिए जो वर्गीकरण किया गया है उसके पीछे का कारण बताए। यहां बता दें कि केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को चरणबद्ध तरीके से चला रही है।
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इसके तहत पहले चरण पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे चरण में बुजुर्गों का टीकाकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही दूसरे चरण में 45 साल से 60 साल की आयु वर्ग के उन लोगों को टीका दिया जा रहा है, जिन्हें कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त है।