जुबिली न्यूज डेस्क
नए कृषि कानूनों को लेकर बनी सुप्रीम कोर्ट की चार सदस्यीय कमेटी से भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है।
दरअसल, भूपिंदर सिंह मान के नाम पर शुरू से बवाल हो रहा था। आंदोलन कर रहे किसानों का कहना था कि भूपिंदर सिंह मान पहले ही तीनों कृषि कानून का समर्थन कर चुके हैं।
भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी में शामिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट काआभार जताया, लेकिन आगे लिखा है कि एक किसान और संगठन का नेता होने के नाते मैं किसानों की भावना जानता हूं। मैं अपने किसानों और पंजाब के प्रति वफादार हूं। इन के हितों से कभी कोई समझौता नहीं कर सकता। मैं इसके लिए कितने भी बड़े पद या सम्मान की बलि चढ़ा सकता हूं। मैं कोर्ट की ओर से दी गई जिम्मेदारी नहीं निभा सकता। मैं खुद को इस कमेटी से अलग करता हूं।
https://twitter.com/BKU_KisanUnion/status/1349633111521280000?s=20
पंजाब के खन्ना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारतीय किसान यूनियन ने भूपिंदर सिंह मान को अपने संगठन से अलग करने का ऐलान किया है। इससे पहले भूपिंदर सिंह मान ने अपने आपको सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई कमेटी से अलग कर लिया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने किसान और सरकार के बीच गतिरोध को खत्म करके समाधान निकालने के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी में ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपिंदर सिंह मान को भी शामिल किया गया था। उनका संगठन के तहत कई किसान संगठन आते हैं, ऐसे में किसानों पर उनका प्रभाव भी अच्छा है।
ऑल इंडिया किसान कॉर्डिनेशन कमेटी के प्रमुख भूपिंदर सिंह मान ने दिसंबर महीने में ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर नए कानूनों का समर्थन कर दिया था। हालांकि, कुछ संशोधनों की मांग जरूर की थी, जिनमें एमएसपी पर लिखित गारंटी देने को कहा गया था। भूपिंदर सिंह मान का आंदोलनरत किसान विरोध कर रहे हैं।
मान के खुद को अलग करने के बाद समिति में अब तीन सदस्य बचे हैं। इनमें अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डॉ प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री तथा कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी, शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत शामिल हैं।