जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अगले महीने दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाला है। मौजूदा समय में वहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार है और वो तीसरी बार सत्ता में आने को बेताब है। इसके लिए वो लगातार जमीनी स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी हुई।
दूसरी तरफ बीजेपी भी आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर दे रही है। हालांकि कांग्रेस भी इस पर अपने खोए हुए जनाधार को पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा रही है लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की राहें अलग-अलग है लेकिन चुनाव के बाद दोनों पार्टी के बीच गठबंधन होने का विकल्प अब भी जिंदा है।
कांग्रेस से सीनियर लीडर और राहुल गांधी के बेहद करीबी अजय माकन का एक बयान अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है। उन्होंने कहा है कि, कांग्रेस को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करना चाहिए, लेकिन उन्होंने यह विकल्प खुला रखते हुए कहा कि यह उनका निजी विचार है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद जरूरत पड़ने पर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को समर्थन देगी? अजय माकन ने कहा, यह मेरा निजी विचार है कि ‘आप’ के साथ कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए।
मुझे यह भी लगता है कि 2013 में ‘आप’ को कांग्रेस की ओर से कोई समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए था और न ही 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए कोई गठबंधन होना चाहिए था. लेकिन यह मेरा निजी विचार है।
दरअसल अजय माकन बार-बार निजी विचार का हवाला दे रहे हैं और कह रहे ये उनका विचार है बल्कि पार्टी का नहीं है। इससे एक बात तो साफ स्पष्ट होती है कि कांग्रेस चुनाव के बाद जरूरत पड़ने पर आम आदमी पार्टी से हाथ मिला सकती है और उसने ये विकल्प खुले रखे हैं। कांग्रेस अभी सारी स्थितियों का आकलन कर रही है लेकिन अजय माकन की न में ही शायद हां छिपा हुआ है।