न्यूज डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच शह-मात का खेल जारी है। अंतिम दौर में पहुंच चुके चुनाव प्रचार में दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर जुबानी तीर छोड़ रहे हैं। दिल्ली की चुनावी जंग को फतह करने के लिए नेता के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी जनता के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी भी इस चुनावी मैदान में अपने पिता के लिए उतर आई हैं और ‘आतंकवाद’ वाले बयान पर बीजेपी नेताओं के घेरना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकी बताए जाने के खिलाफ उनकी बेटी हर्षिता ने कहा कि वे कहते हैं कि राजनीति गंदी है, लेकिन यह एक नया स्तर है। बीजेपी नेताओं पर निशाना साधते हुए हर्षिता केजरीवाल ने कहा कि क्या लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने वाला आतंकवादी हो सकता है। क्या बच्चों को शिक्षित करने वाला आतंकवादी हो सकता है। क्या बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार करने वाला आतंकवादी हो सकता है।
हर्षिता केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे अभी भी याद है कि हर रोज जब हम जगाते थे तो मेरा भाई, माता, दादा-दादी और मैं, सुबह 6 बजे भगवद् गीता पढ़ते हैं और इंसान से इंसान का हो भाईचारा गीत गाते हैं। हमें इसके बारे में पढ़ाया भी जाता है। क्या यह आतंकवाद है?’
अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता ने कहा, ‘उनकी (बीजेपी) ओर से आरोप लगाने दो। उन्हें 200 सांसद और 11 मुख्यमंत्री लाने दो। केवल हम ही नहीं, बल्कि 2 करोड़ आम लोग भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। दिल्ली की जनता 11 फरवरी को फैसला करेगी कि क्या वह आरोपों पर वोट करते हैं या फिर काम पर।’
केजरीवाल के अपनी बेटी को चुनावी मैदान में प्रचार के लिए उतारने पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने उन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अपने बेटी को पढ़ा-लिखा कर अपने campaign में भेजो ..और दूसरों के बच्चों को बंदूक़ दे कर हिंदुओं को बदनाम करने शाहीन बाग भेजो ..ये कैसा न्याय है केजरीवाल जी??
गौरतलब है कि पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा मंगलवार को मादीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल की तुलना आतंकी से कर दी। प्रवेश वर्मा ने कहा था, ‘केजरीवाल जैसे नटवरलाल…केजरीवाल जैसे आतंकवादी देश में छुपे बैठे हैं। हमें तो सोचने पर मजबूर होना पड़ता है हम कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों से लड़ें या फिर केजरीवाल जैसे आतंकवादियों से इस देश में लड़ें।’
इससे पहले केंद्रीय मंत्री व दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि केजरीवाल एक आतंकवादी है। बीते सोमवार को उन्होंने कहा कि केजरीवाल मासूम चेहरा बना रहे हैं और लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या वे आतंकवादी हैं?
सीएम अरविंद केजरीवाल को ‘आतंकवादी’ बताये जाने वाले बयान को लेकर केजरीवाल और उनकी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। केजरीवाल ने कहा, ‘बीजेपी सांसद के बयान से मैं दुखी हूं। मैं आतंकवादी कैसे हो गया। मुझे आतंकी बताए जाने पर मेरे मां-बाप को बहुत दुख है। उनका यही कहना था कि उनका बेटा कट्टर देशभक्त है। क्या शिक्षा का इंतजाम करने वाला आतंकी होता है। मैंने पिछले पांच साल में दिल्ली का बेटा बनकर काम किया है। ये मैं दिल्ली के लोगों पर छोड़ता हूं कि वह मुझे बेटा मानते हैं, भाई मानते हैं या आतंकी मानते हैं।’
उन्होंने कहा था, ‘क्या यह मुझे आतंकवादी बनाता है? अब आपको तय करना है कि मैं आतंकवादी हूं या आपका बेटा। अगर आपको लगता है कि मैं आतंकवादी हूं, तो कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) दबाएं. अगर आपको लगता है कि मैं आपका बेटा हूं, तो आठ फरवरी को झाड़ू (आप का चुनाव चिन्ह) दबाएं।’
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो केजरीवाल को आतंकवादी बोल कर बीजेपी नेताओं ने सेल्फ गोल किया है। आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को भुनाने में लगी है। केजरीवाल को आतंकी कह कर कहीं बीजेपी ने 2015 में ‘उपद्रवी गोत्र’ वाली गलती तो दोहरा दी है।
दरअसल 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी विज्ञापनों के जरिए निशाना साध रही थी। ऐसे में बीजेपी ने एक विज्ञापन में केजरीवाल को ‘उपद्रवी गोत्र’ का बता दिया था। विज्ञापन में नीचे बीजेपी ने केजरीवाल को ‘हे आंदोलनकारी’ कहते हुए संबोधित कर लिखा था, ‘देश के करोड़ों लोग गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व मनाते हैं, इस पर गर्व करते हैं और आपका ‘उपद्रवी गोत्र’ इसमें भी व्यवधान डालने को तैयार था।’
केजरीवाल ने इसे अपनी जातीय से जोड़कर चुनावी मुद्दा बना दिया था। केजरीवाल ने कहा था, ‘यह पूरे अग्रवाल समाज को आहत करने वाला है। बीजेपी ने पूरे अग्रवाल समाज को ही ‘उपद्रवी’ बता दिया। बीजेपी ने मेरे गोत्र को ‘उपद्रवी गोत्र’ लिख दिया बीजेपी की लड़ाई मुझसे हो सकती है। बीजेपी पूरे अग्रवाल समाज को ‘उपद्रवी’ कैसे कह सकती है? बीजेपी अब जातिगत हमले पर उतर आई है। बीजेपी पूरे अग्रवाल समाज से माफी मांगे।’
दिल्ली के 2015 चुनाव में बीजेपी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल अपनी हर सभाओं में गोत्र वाले बयान को उठाया था। बीजेपी के लिए यह बयान गले की फांस बन गया था और चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था। बीजेपी 31 से महज 3 सीट पर आकर सिमट गई थी। अब एक बार फिर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर व्यक्तिगत आरोप या आक्रमण कर नई मुसीबत मोल ले ली है। केजरीवाल ने बीजेपी के इस बयान को लेकर मोर्चा खोल लिया है और सहानुभति बटोरने की कोशिश कर रही हैं।