न्यूज डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को शुरुआती रूझानों में एक बार फिर बहुमत मिल गया है। रुझानों के हिसाब से AAP की सरकार बनना तय है और अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनते दिख रहे हैं।
अभी तक आप 55 सीटों पर आगे चल रही है और भाजपा सिर्फ 15 सीटों पर आगे है। वहीं, कांग्रेस इस बार भी शून्य पर है। शुरूआती रूझानों को देखने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हर कोई जानता था कि यह (आप) पार्टी यहां तीसरी बार बार सत्ता में आएगी। हालांकि कांग्रेस की हार से अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजनीति और इसके सांप्रदायिक एजेंडे को देखते हुए आम आदमी पार्टी की जीत की अहमियत काफी बढ़ जाएगी। वहीं समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली के नतीजों का संदेश पूरे देश में जाएगा।
अखिलेश ने कहा कि पूरे देश की जनता एक बार फिर किसान, गरीब, नौजवान, विकास और खुशहाली के लिए मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी काफी वक्त से नफरत की राजनीति कर रही है। लेकिन वे कामयाब नहीं होंगे।
दूसरी ओर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में जारी मतगणना के बीच ईवीएम का मुद्दा उठाया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ईवीएम टेंपर-प्रूफ नहीं हैं और कोई विकसित देश इनका उपयोग नहीं करता है।
उन्होंने ट्वीट किया, “चिप वाली कोई मशीन टेंपर-प्रूफ नहीं है. और कृपया एक मिनट के लिए सोचें कि विकसित देश ईवीएम का उपयोग क्यों नहीं करते?” उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तथा चुनाव आयोग से ईवीएम का मुद्दा उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “क्या चुनाव आयोग और माननीय सुप्रीम कोर्ट भारत में ईवीएम मतदान के मुद्दे पर एक बार फिर सोचेंगे? हम दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, और हम कुछ बेईमान लोगों को चुनाव परिणाम हैक करने और 1.3 अरब लोगों के जनादेश को चुराने की अनुमति नहीं दे सकते।’’ दिग्विजय सिंह ने जोर देकर कहा कि पोस्टल बैलटों की भी गिनती की जानी चाहिए।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव में भले ही पीछे चल रही है लेकिन 2015 के मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन शानदार दिखाई दे रहा है। न सिर्फ सीटों के मामले में बल्कि वोट प्रतिशत के लिहाज से बीजेपी ने लंबी छलांग लगाई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के शुरुआती और अभी तक के रुझानों से तो लगता है कि आम आदमी पार्टी को पूर्ण और सपष्ट बहुमत मिल रहा है। दिल्ली वालों ने काम करने वालों का साथ दिया है।
2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 32 परसेंट वोट मिले थे। कांग्रेस ने लगभग 10 प्रतिशत वोट हासिल किए और अरविंद केजरीवाल की आप को 54 परसेंट पॉप्यूलर वोट मिले थे। उसकी तुलना में जो लेटेस्ट रूझान और नतीजे सामने आ रहे हैं, उसके मुताबिक बीजेपी को 2020 में 43 परसेंट से ज्यादा वोट मिले हैं।
हालांकि ये आंकड़ा कुछ राउंड की काउंटिंग के बाद का है लेकिन रुझान क्लीयर है। इस बढ़े हुए वोट प्रतिशत के बूते बीजेपी 20 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है। 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महज तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस की लुटिया डूबती हुई दिखाई दे रही है। पार्टी को लगभग 4.5 परसेंट वोट मिले हैं। यानी कांग्रेस को पांच परसेंट का नुकसान हुआ है।
हालांकि असली झटका अरविंद केजरीवाल को लगा है। आप को 2015 में मिले 54 परसेंट वोट के मुकाबले इस बार 49 परसेंट वोट मिलने का रुझान है। इस लिहाज से बीजेपी का परफॉरमेंस बढ़िया है। खास कर तब जब बीजेपी ने दिल्ली के दंगल में देर से दम लगाया।