न्यूज डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी और पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। 2014 में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल करने वाले बीजेपी की मोदी लहर को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने रोक दिया था, जिसका बदला लेने और दिल्ली में सरकार बनाने के लिए बीजेपी हर संभव प्रयास कर रही है।
महाराष्ट्र और झारखंड में हार के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह के रणनीति पर उठ रहे सवालों का जवाब बीजेपी दिल्ली चुनाव जीत कर देना चाहती है। माना जा रहा है कि इसीलिए बीजेपी इस चुनाव को राष्ट्रवाद बनाम अराजकता के तौर पर लड़ने का माहौल बना रही है।
बीजेपी केजरीवाल सरकार पर लगातार आरजकता और जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रही है और हर मुद्दे को देशभक्ति और राष्ट्रवाद से जोड़ रही है। वहीं आम आदमी पार्टी अपनी सरकार के कार्यों और जनता के लिए किए लुभावने वादों से वोटरों का दिल जीतने की कोशिश कर रही है। इस बीच दोनों दलों के नेता एक-दूसरे पर लगातार हमलावर हैं।
दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की रजिस्ट्री के संबंध में ‘अफवाह फैलाने’ और लोगों को ‘गुमराह’ करने के लिए माफी मांगने को कहा।
मनोज तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले अनेक लोगों के यहां बिल आ रहे हैं, जबकि केजरीवाल सरकार ने नि:शुल्क बिजली आपूर्ति योजना चला रखी है। इन आरोपों पर फिलहाल आम आदमी पार्टी के प्रमुख की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।
दिल्ली भाजपा प्रमुख ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू हो गई है, लेकिन केजरीवाल सरकार इसमें बाधा डालने और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि, ‘केजरीवाल को अफवाह फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए अन्यथा हम उनके खिलाफ अगले 24 घंटे में कार्रवाई करेंगे’।
दरअसल, केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की थी।
बताते चले कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को पूरा होने से पहले चुनाव होने हैं। इससे पूर्व यह कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। इस पर अरविंद केजरीवाल ने पुरी पर प्रहार करते हुए दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठाया था।
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