जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उनको बड़ा झटका लगा और अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।
अब इस मामले में कोर्ट ने भी अहम टिप्पणी की है। इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ गई है। कोर्ट ने अपने फैसले साफ किया है कि सिसोदिया ही दिल्ली शराब घोटाले के मास्टर माइंड हैं।
इतना ही नहीं इसमें ये भी कहा गया है कि सिसोदिया को रिश्वत के तौर पर 90 से 100 करोड़ रुपये मिलने थे। अपने 34 पेज के आदेश में स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि आपराधिक षडयंत्र में सिसोदिया ही एक्टिव रोल अदा किया। इस आदेश में आगे कहा गया है कि अब तक सारे सबूत दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया के खिलाफ है। इस वजह से उनको जमानत नहीं मिली।
वो साफ तौर पर इशारा कर रहे हैं कि सिसोदिया करप्शन में पूरी तरह से शामिल थे। स्पेशल जज एमके नागपाल की माने तो सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार करके कोई गुनाह नहीं किया है।
इसके आलावा न तो सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश की अवहेलना की है और न ही हाईकोर्ट की। सीबीआई ने सिसोदिया को तभी गिरफ्तार किया जब एजेंसी को लगा कि ये बेहद जरूरी था।
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दिल्ली शराब नीति मामले की जांच का मुख्य फोकस बिचौलियों, व्यापारियों और राजनेताओं के एक कथित नेटवर्क पर है जिसे केंद्रीय एजेंसियों ने ‘साउथ ग्रुप’ कहा है. ईडी ने आरोप लगाया कि ‘साउथ ग्रुप’ की कंपनियों की मदद करने के लिए शराब नीति में बदलाव किया गया और मनीष सिसोदिया ने मनमाने ढंग से शराब नीति को उनके पक्ष में बदल दिया.
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