न्यूज़ डेस्क
कोरोना वायरस का खतरा देशभर में बढ़ता जा रहा है। इस बीच दिल्ली से जुड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आई है। राजधानी में बीते 15 दिनों में हॉट स्पॉट की संख्या दोगुने से ज्यादा हो गई है। दिल्ली में संक्रमण बढ़ने के साथ ही इनकी संख्या भी तेजी से बढ़ी हैं। 15 दिनों में 85 नए हॉट स्पॉट बढ़ गए हैं। राजधानी में इस समय 158 कंटेनमेंट जोन हैं।
पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोविड संक्रमण के रिकॉर्ड 1513 नए मामले आए हैं। एक नए रिकॉर्ड के साथ अब दिल्ली में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 23,625 तक पहुंच गया है। इसके साथ अब दिल्ली में इस संक्रमण की वजह से 606 लोगों की जान जा चुकी है। कोविड से मरने वालों का औसत 2.5 पर्सेंट तक पहुंच गया है।
वहीं बुधवार को 299 मरीज रिकवर हुए और अब तक कुल 9,542 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी दिल्ली में कुल 13,497 मरीज एक्टिव हैं। अभी दिल्ली में 8,405 पॉजिटिव मरीज अपने घरों में हैं और अब तक दिल्ली में कुल 2,23,607 सैंपल की जांच की जा चुकी है।
केंद्र के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक पूरी तरह से लॉकडाउन लागू रहेगा। हालांकि, अधिकांश जगहों पर ज्यादा संक्रमण नहीं फैला है। बता दें कि दिल्ली में तीसरे लॉकडाउन के दौरान कंटेनमेंट जोन में लगातार कमी आ रही थी। बीते 18 मई को जब चौथे चरण का लॉकडाउन लागू किया गया था तो उस समय 73 कंटेनमेंट जोन थे। मगर अब बीते 15 दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इसमें रोजाना औसतन 5 नए कंटेनमेंट जोन बढ़ रहे हैं। यह सभी कंटेनमेंट जोन पूरी तरह सील हैं। यहां किसी भी तरह की गतिविधि की छूट नहीं है।
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10 से 23 हजार पहुंची मरीजों की संख्या
बढ़ते कंटेनमेंट जोन के पीछे मरीजों की बढ़ती संख्या बड़ा कारण है। 15 दिनों में दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 10 हजार से बढ़कर 23 हजार को पार गई। सक्रिय मरीजों की संख्या में भी दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है। जिला प्रशासन ने कंटेनमेंट जोन से सटे इलाके जहां संक्रमण बढ़ने का खतरा है, वहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन (बफर जोन) भी बनाया है। वहां पर जरूरी सेवाओं के अलावा अन्य गतिविधियों पर रोक है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिस तरह कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाने की जरूरत है अगर उस हिसाब से बढ़ी तो दिल्ली कंटेनमेंट के चलते फिर से लॉकडाउन हो जाएगी। इसके परिणाम आने लगे हैं। दिल्ली में एक आरटीओ ऑफिस, तीन बड़े बाजार सील हो चुके हैं।
इस बीच, दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दफ्तर में भी कोरोना वायरस की एंट्री हो गई है। संघ के सहप्रचार प्रमुख डॉ सुनील आंबेकर और डॉ योगेंद्र कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उनके अलावा 2 बावर्ची भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। डॉ आंबेकर का इलाज सफदरजंग हॉस्पिटल में चल रहा है। कोरोना के मामले सामने आने के बाद उदासीन आश्रम जो फिलहाल दिल्ली में संघ का दफ्तर है उसे सैनिटाइज किया गया।
85 फीसदी मरीजों में नहीं कोई लक्षण
दिल्ली में आ रहे कोरोना मरीजों में 85 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं। जांच के बाद कोरोना का संक्रमण मिला है। सरकार के लिए यह चिंता का विषय है, क्योंकि ऐसे कोरोना संक्रमित वायरस के साइलेंट कैरियर हैं। उनसे दूसरे लोगों के बीच संक्रमण फैल रहा है।
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गौरतलब हो कि दिल्ली में 13479 सक्रिय कोरोना मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इसमें 8405 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे है। ये वही हैं जिनके अंदर कोई लक्षण नहीं है। वह घर पर रहकर अपना इलाज करा सकते हैं। दिल्ली में आ रहे अब नए कोरोना मरीजों को किससे संक्रमण हुआ इसका भी नहीं पता है। ऐसे मरीजों की संख्या भी 80 फीसदी तक पहुंच चुकी है।
बता दें कि किसी कंटेनमेंट जोन को घोषित करने के बाद उसे तब तक नहीं खोला जाता है जब तक वहां लगातार 28 दिन तक कोई नया केस नहीं आता है। जिस दिन भी आखिरी केस आएगा, उसके अगले 28 दिन तक नया केस नहीं आना चाहिए। दिल्ली में करीब 5 ऐसे कंटेनमेंट जोन हैं जो करीब 55 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कंटेनमेंट जोन हैं।