जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में 500 साल पुराना सपना साकार हो रहा है. गुरुवार को शुभ मूहुर्त में रामलला के विग्रह को राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया. इसके बाद 24 अलग-अलग पद्धतियों से पूजन प्रक्रिया शुरू हुई.
बता दें सभी 131 वैदिक दोपहर 12 बजे राम जन्मभूमि गर्भ गृह पहुंचे. इसके बाद रामलला के विग्रह को गर्भ गृह में स्थापित किया गया.
रामलला की प्रतिमा की शोभायात्रा संपन्न हुई
इससे पहले बुधवार को जलयात्रा भव्य रूप से हुई. भगवान श्री रामलला जी की प्रतिकात्मक मूर्ति की शोभायात्रा उत्साह के साथ सम्पन्न हुई. मण्डप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ. क्योंकि रामलला की असल प्रतिमा काफी बड़ी और भारी है, इसलिए उनकी प्रतीकात्मक प्रतिमा को पालकी में बैठाकर मंदिर का भ्रमण कराया गया.
22 जनवरी तक अयोध्या में होंगे ये कार्यक्रम
जानकारी के लिए बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा जारी किए गए कार्यक्रमों के अनुसार, 19 जनवरी 2024 को औषधादिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास का आयोजन है.
इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के एक दिवस पहले 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास का आयोजन किया गया है. वहीं, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का शुभ योग है. तीर्थ क्षेत्र द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न होगा. वहीं, प्राण प्रतिष्ठा के पहले शुभ संस्कार 16 जनवरी 2024 से लेकर 21 जनवरी 2024 तक चलेंगे.