जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वर्तमान कोविड-19 संकट से लड़ने के लिये किए जा रहे रक्षा मंत्रालय और सेना के तीनों अंगों के प्रयासों की समीक्षा की।
इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा उत्पादन सचिव श्री राज कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी, डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर मार्शल संदीप सिंह और महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) वाइस एडमिरल रजत दत्ता शामिल हुए।
राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों और रक्षा मंत्रालय के अलग-अलग अन्य प्रतिष्ठानों को निर्देश दिया कि वे वर्तमान स्थिति से उबरने के लिए नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि लोग संकट के समय सशस्त्र बलों की ओर देखते हैं क्योंकि उन्हें उन पर बहुत आशा और भरोसा है।
रक्षा मंत्री ने विदेशों के साथ- साथ देश के भीतर ऑक्सीजन टैंकरों और संयंत्रों को ले जाने में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा दी जा रही सहायता की समीक्षा की और इस पर संतोष व्यक्त किया। उन्हें जानकारी मिली कि भारतीय वायुसेना का एक सी-17 परिवहन विमान 24 अप्रैल की सुबह सिंगापुर के लिए रवाना हुआ और शाम को क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक के चार कंटेनरों के साथ वापस आ गए।
उन्हें यह भी बताया गया कि एक सी-17 परिवहन विमान ने पुणे से जामनगर के लिए लिक्विड ऑक्सीजन के लिए दो खाली कंटेनर ट्रकों को पहुंचाया और एक अन्य ने जोधपुर से जामनगर के लिए दो खाली ऑक्सीजन कंटेनर पहुंचाए। एक चिनूक ने जम्मू से लेह के लिए कोविड परीक्षण के लिए चिकित्सा उपकरण पहुंचाए। रक्षा मंत्री को सूचित किया गया कि ऑक्सीजन टैंकरों को ले जाने में किसी भी सहायता के लिए भारतीय नौसेना के जहाजों को स्टैंडबाई पर रखा गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष ने जानकारी दी कि देर शाम तक नई दिल्ली के सरदार वल्लभ भाई पटेल कोविड अस्पताल में 250 बेड का कार्य हो जाएगा, जिससे कुल बिस्तरों की संख्या 500 हो जाएगी। गुजरात में डीआरडीओ ने 1,000 बेड के अस्पताल की स्थापना पूरी कर ली है।
उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि लखनऊ में कोविड सुविधा स्थापित करने के लिए काम जोरों पर है जो अगले 5-6 दिनों में चालू हो जाएगी। इन अस्पतालों को एएफएमएस द्वारा समन्वय और स्थानीय राज्य सरकारों की सहायता से चलाया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस संबंध में आवश्यक समन्वय के लिए राज्य सरकारों के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। चूंकि एएफएमएस ने अपने संसाधनों को जितना संभव हो बढ़ाया है, इसलिए वाराणसी में आने वाले 750 बिस्तर वाले अस्पताल के लिए स्थानीय डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों की सेवाओं को सूचीबद्ध किया जा सकता है। स्वास्थ्य पेशेवरों के कार्यबल को बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्री ने एएफएमएस से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए लोगों को तैनात करने के सुझाव को मंजूरी दी।
रक्षा मंत्री को ये भी जानकारी दी गई कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों एवं आयुध निर्माणी बोर्ड की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को स्थानीय कोविड-19 प्रभावित नागरिक आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय और तीनों सेनाओं के अधिकारियों को उठाए गर विभिन्न कदमों की प्रगति पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया।
रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में यह दूसरी बैठक थी जिसमें कोविड-19 मामलों में मौजूदा वृद्धि से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की गई। पहली बैठक दिनांक 20 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी।