नवेद शिकोह
- दीपिका दीपक बन गयी और सरकार विरोधी उसके परवाने!
- सरकार विरोधियों और समर्थकों का आकलन करेगी छपाक की बॉक्स आफिस रिपोर्ट
बेटियों की रक्षा-सुरक्षा, मान-सम्मान और एसिड अटैक की फिक्र से जुड़े बेहद गंभीर विषय पर बनी फिल्म छपाक खुद नफरती विरोध रूपी एसिड का शिकार होने लगी है। फिल्म का केंद्र बिंदु किरदार निभाने वाली सुपर स्टार दीपिका पादुकोण से नाराजगी जताते हुए जेएनयू विरोधियों ने उनकी फिल्म छपाक का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है। वजह ये थी कि दीपिका सरकार विरोध का हब कहे जाने वाले जेएनयू छात्रों के समर्थन में पंहुच गयीं थी।
यह भी पढ़ें : अलंघ्य बहुमत का मिथक
उधर मोदी सरकार विरोधियों के सेंसेक्स बाजार में एकाएकी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का नाम सातवें आसमान पर पंहुच गया। एसिड हमलों के विरोध में एक वास्तविक घटना पर बनी अपनी फिल्म छपाक के प्रमोशन के दौरान सरकार विरोधियों का हब कहे जाने वाले जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन में पंहुची दीपिका की फिल्म का बॉक्स आफिस में क्या अंजाम होता है ये देखना ज़रूरी है।
दीपिका पादुकोण की इस विशाल, चर्चित और गंभीर फिल्म छपाक का बॉक्स आफिस नतीजा NRC और CAA पर देश का रुख जानने वाले मिस कॉल अभियान से कहीं बड़ा साबित होगा। मौजूदा हालात में देश के लोग दो हिस्सों में बटें हैं। बीच के संतुलित लोग कम ही हैं। सरकार विरोधी लोगों को टुकड़े-टुकड़े गैंग, अवार्ड वापसी गैंग-कामरेड गैंग वामी, धर्मनिरपेक्ष गैंग.. इत्यादि शब्दों से मुखातिब किया जा रहा है। जबकि सरकार समर्थकों को सरकार विरोधी भक्त.. अंध भक्त.. भगवा ब्रिगेड.. या चाटूकार-चापलूस नफरती चिंटू जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं।
ऐसे में कोई सेलेब्रिटी सरकार विरोधी खेम़े का समर्थन कर दे तो सरकार समर्थक मधुमक्खियों के फूटे छत्ते की तरह उसके पीछे पड़ जाते हैं। सोशल मीडिया में उसे ट्रोल करने लगते हैं। और जब कोई सैलिब्रिटी सरकार के समर्थन खेमी मे चला जाता है तो सरकार विरोधी तबका उसे ट्रोल करने लगता है। चमचा या मौकापरस्त जैसे जुमलों से उसपर हमले शुरु हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें : सावधान, अफ्रीका महाद्वीप दो टुकड़ों में बंट रहा
फिलहाल इस वक्त देश की जानी पहचानी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण निशाने पर हैं। ख़ास बात ये है कि उन्होने उस वक्त जेएनयू का समर्थन किया जब उनकी फिल्म रिलीज होनी थी। जब वो अपनी फिल्म के प्रचार अभियान में दौरे कर रही थी। अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या दीपिका का जेएनयू पंहुचना फिल्म छपाक के प्रमोशन का हिस्सा था, या नहीं!
यदि ये फिल्म प्रमोशन का हिस्सा था तो पी.आर वाले या प्रमोशन एक्सपर्ट ने वक्त और मौके की नजाकत जानकर ही दीपिका की जेएनयू विजिट तय की होगी।
इन कयासों को लेकर सोशल मीडिया में तमाम तरह की बातें तैर रही हैं। ये भी कहा जा रहा है कि – दीपिका ने जेएनयू के सरकार विरोधियों का समर्थन करके बड़ा इशारा किया है। नंबर गेम की समझ में माहिर किसी स्टार को जनता के रुख़ को बख़ूबी समझ होती है।
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में जो हुआ, अच्छा हुआ
यह भी पढ़ें : क्या अपनी सरकार से नाराज है भारत ?
छपाक को बायकॉट करने के अभियान के खिलाफ कुछ दिलचस्प बातें भी सोशल मीडिया पर नजर आ रही हैं। बायकॉट करने की अपील के जवाब में किसी ने लिखा कि राष्ट्रवादी राष्ट्रविरोधी कैसे हो गये। छपाक फिल्म मनोरंजन या पैसा कमाने के लिए नहीं है। मोदी के बेटी बचाओ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए है। बेटियों पर हो रहे तेजाब के हमलों के खिलाफ है। ये फिल्म तेजाब का हमला झेलने वाली देश की एक बेटी की वास्तविक कहानी पर आधारित है। इस फिल्म का बायकॉट क्या देशद्रोह नहीं है!
खैर जो भी हो, इस पूरी कहानी के बाद एसिड अटैक की वास्तविक कहानी पर बेटियों पर तेजाब हमलों के खिलाफ बनी फिल्म छपाक की बॉक्स आफिस रिपोर्ट बहुत कुछ बता देगी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, लेख में उनके निजी विचार हैं)