Friday - 25 October 2024 - 10:17 PM

भत्ते खत्म करने का फैसला छोटे कर्मचारियों के साथ धोखा है

न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के छह भत्ते एक वर्ष के लिए स्थगित करने के निर्णय के एक महीने के भीतर ही इन्हें समाप्त करने का फैसला कर लिया है। इससे प्रदेश के 16 लाख कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।

महामारी के बीच सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे कर्मचारियों में इस फैसले से आक्रोश बढ़ गया है। सचिवालय संघ के बाद अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों के साथ धोखा बताया है।  

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उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुरेश यादव ने कहा प्रदेश के ऐसे छोटे कर्मचारियों के भत्ते काटे गए है, जिससे इस महामारी में अपनी सेवा दे रहे लोगों का मनोबल घटेगा। उत्तर प्रदेश में लाखों कर्मचारी अपनी जान पर खेल कर प्रदेश की सेवा कर अपना योगदान दे रहा है और सरकार उन छोटे कर्मचारियों के साथ ऐसा बर्ताव करेगी तो कर्मचारी टूट जायेगा।

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उन्होंने कहा वित विभाग ने 24 अप्रैल को छह भते एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक के लिए स्थगित करने का फैसला किया था। महामारी के मद्देनजर एक- एक दिन का वेतन देने और महंगाई भते डेढ़ वर्ष के लिए स्थगित किए जाने के निर्णय के बावजूद इन भतों को भी स्थगित किए जाने से कर्मचारी नाराज थे। लेकिन आपदा के बीच इस फैसले से वे मनमसोस कर रह गए थे।

सुरेश के मुताबिक फील्ड के उन कर्मचारियों को इस फैसले से ज्यादा मायूसी हाथ लगी है जो दिन- रात एक किए महामारी की जंग में दो महीने से लगे हुए हैं। हालांकि अभी तक भते समाप्त किए जाने का आदेश जारी नहीं हुआ है। इन भतों से कर्मचारियों को ग्रेड पे व संवर्ग के अनुसार नुकसान होने की संभावना है।

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सुरेश यादव का कहना है पूंजीपतियों को बढ़ावा देने के लिए श्रम विभाग ने जो आदेश दिया है जिससे कर्मचारियों की ड्यूटी के घंटे में बढ़ोतरी कर कर सारे नियमों को ताक पर रख दिया है।

सुरेश ने कहा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एक अल्प वेतन भोगी कर्मचारी है ऐसे में अपने परिवार का भरण पोषण ब-मुश्किल से कर पाता है इस प्रकार के आदेश से समूचे उ.प्र. के लाखों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ अन्याय है।

महामंत्री सुरेश ने सरकार को सुझाव दिया है विभागीय भवनों की मरम्मत में करोड़ों रुपया का जो विभागों को आवंटन किया गया है उस पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए, कई हजार करोड़ रुपया सरकार का बच सकता है और इस दौर में सरकार के काम आ सकता है।

ये भत्ते भी हुए स्थगित 

नगर प्रतिकर भत्ता, सचिवालय भत्ता, पुलिस से जुड़े कर्मियों का विशेष भत्ता, अवर अभियंताओं का विशेष भत्ता, लोक निर्माण विभाग के कर्मियों को मिलने वाला रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता व डिजाइन भत्ता, सिंचाई विभाग के कर्मियों को मिलने वाला आईएंडपी भता व अर्दली भत्ता।

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