जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार को तगड़ा झटका लगा है। एनसीपी के उनके हाथ से पहले ही निकल गई थी और अब महाराष्ट्र में एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसला आ गया है।
ये फैसला भी शरद पवार के खिलाफ गया है और स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित गुट को 41 विधायकों का समर्थन है। अजित पवार के पास शरद पवार से ज्यादा विधायकों का समर्थन है इसलिए अजित पवार ही असली एनसीपी है माना जायेगा।
इससे पहले शरद पवार के हाथ से अब एनसीपी निकल गई थी क्योंकि चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना था। लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार के लिए ये एक बड़ा झटका था।
अब स्पीकर राहुल नार्वेकर ने भी शरद पवार को बड़ा झटका दिया है और इस तरह से अजित पवार को जहां एक ओर बड़ी राहती मिली है तो अब शरद पवार के लिए आने वाले दिनों में मुश्किल बढऩे वाली है। राहुल नार्वेकर ने कहा कि एनसीपी में कोई फूट नहीं हुई है।
सिर्फ गुट बन चुका है। उन्होंने प्राथमिक स्तर पर पार्टी की संरचना, संविधान और विधिमंडल बल इन तीन तथ्यों पर फैसला दिया। उन्होंने कहा कि 30 जून 2023 को एनसीपी में दो गुट निर्माण हुआ। 29 जून तक शरद पवार के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं था. राष्ट्रवादी के संविधान को लेकर कोई विवाद नहीं है।
2 जुलाई 2023 को एनसीपी में विभाजन हो गया था। अजित पवार अपने खेमे के विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनाए गए।
इसके बाद पार्टी पर कब्जा करने की जंग चली और करीब छह महीने से ज्यादा का वक्त तक ये सुनवाई चली और दस से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग का फैसला आया है और इस फैसला से शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। पार्टी का सिंबल घड़ी अजित पवार के पास रहेगा।