लखनऊ। सुल्तानपुर के बुवापुर गांव में बेटी की शादी की खुशी में तब मातम फैल गया, जब उस दुल्हन की मां की अचानक मौत हो गई। शादी के घर में मां की मौत से घर वालों के साथ ही वर पक्ष के लोगों में मातम छा गया। किसी तरह से घर वालों ने शादी की रस्म अदा की और शनिवार को बेटी की विदाई के बाद शव का अंतिम संस्कार किया।
विदाई से पहले बेटी मां के शव से लिपटकर फूट-फूट कर रोई। दूल्हे ने अपने हमसफर को दुख की घड़ी में ढांढस बंधाकर उसे हिम्मत से काम लेने को कहा। जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के बुवापुर गांव के श्यामलाल प्रजापति की पुत्री किरन की शादी भीटी (दूबेपुर) जयसिंहपुर निवासी राजेंद्र प्रसाद के पुत्र आदित्य के साथ तय हुई थी। 22 फरवरी को बारात आने से पहले शाम करीब साढ़े पांच बजे किरन की मां शुभावती (50) की अचानक तबीयत खराब हो गई।
परिवारीजन शुभावती को निजी वाहन से जिला अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिवारीजन शव लेकर वापस घर लौट आए। कुछ समय पहले तक जिस घर में बारात आने की खुशी में मंगल गीत गाए जा रहे थे, वहां शव पहुंचते ही करुण क्रंदन शुरू हो गया, बेटी किरन मां के शव से लिपट कर रोने लगी, परिवार में कोहराम मच गया।इधर घर में शादी की सारी तैयारियां पूरी थी, केवल बारात आनी बाकी थी।
किरन की मां की मौत की सूचना जब दूल्हे के घर पहुंची तो वहां भी शोक की लहर दौड़ गई, बैंड बाजा बंद कराकर लोग बुवापुर पहुंचे। किरन के पिता और अन्य परिवारीजनों ने शादी की सारी तैयारियां होने की बात वर पक्ष से कही। उसके बाद वर पक्ष बिना गाजे-बाजे के बारात लेकर पहुंचा और शादी की रस्म पूरी की। भोर में ही लड़की की विदाई कर दी गई। विदाई से पहले किरन अपनी मां के शव से लिपटकर फूट-फूट कर रोई। किरन को रोते देख पिता श्यामलाल के साथ ही आदित्य ने उसे ढांढस बंधाया। किरन की विदाई के बाद परिवारीजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया।