Saturday - 2 November 2024 - 4:56 PM

‘डियर पाकिस्तानी, दूसरे की निंदा करने से पहले अपने गिरेबां में भी झांके’

न्यूज डेस्क

सोशल मीडिया साइट पर आज सिर्फ और सिर्फ चंद्रयान 2 पर बात हो रही है। पूरा देश इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व महसूस कर रहा है। पूरा देश उनके साथ खड़े होने की बात कह रहा है। इस सबके बीच चंद्रयान 2 को लेकर ट्विटर मैदान-ए-जंग बन गया है।

पाकिस्तान के एक मंत्री और सेना के प्रवक्ता के एक साथ कुछ पाकिस्तानियों ने चंद्रयान 2 पर आपत्तिजनक टिप्पणी क्या की, ट्विटर पर भारतीय भिड़ गए।

चंद्रयान2 को लेकर पाकिस्तानियों की ओर से दी गई नकारात्मक टिप्पणी का जवाब भारतीय यूजर्स ने भी जमकर दिया। ट्विटर हैंडल पर भारतीय यूजर्स ने धड़ाधड़ ट्वीट कर पाकिस्तानी यूजर्स को करारा जवाब दिया। एक यूजर ने इसे पाकिस्तान की अदूरदर्शिता बताई और कहा कि उसे इस मिशन का महत्व समझ नहीं आया।

पाकिस्तानी जिस तरह से ट्विटर पर अपनी खुशी दिखा रहे हैं उससे तो यही लग रहा है कि ये लोग चाह रहे थे कि भारत का चंद्रयान 2 मिशन पूरा न हो पाए।

एक यूजर ने लिखा, ‘डियर पाकिस्तानी, यह हमारी असफलता नहीं है। पहली सफलता यह है कि हमने वैसी जगह जाने की कोशिश की जहां कोई प्रवेश नहीं कर सकता। हमसे वह जीत नहीं छूटी जो अमेरिका से थोड़ी दूरी पर ही रही। दूसरे की निंदा करने से पहले अपने गिरेबां में भी झांके।’

वहीं एक भारतीय यूजर ने लिखा, ‘पाकिस्तान इस बात को समझने में असमर्थ है कि उसकी इकोनॉमी से कहीं अधिक चंद्रयान की लागत है, भारत ऐसे सैंकड़ों चंद्रयान लांच कर सकता है और अच्छे से रह सकता है।’

वहीं एक ने लिखा, ‘असफल नहीं हुआ भारत… केवल मून लैंडर से संपर्क टूट गया।’ लैंडर ने मुश्किल फेज को सफलतापूर्वक पार कर लिया। ‘नासा भी असफल हुआ है, लेकिन सफलता की राह में असफलता होती ही है। मात्र एक हार से इसरो को लेकर कोई राय कायम न करें।’

एक यूजर ने इसमें भी सफलता देखते हुए लिखा, ‘भारत फेल नहीं हुआ है। हम मंगल पर पहुंचे। हम चंद्रमा के किसी ऐसे लोकेशन पर पहुंचे हैं जहां अब तक कोई नहीं गया। हम अंतरिक्ष शोध में बेहतरीन तरीके से बढ़ रहे हैं।’

एक अन्य यूजर ने लिखा, कम से कम लोगों को विज्ञान का महत्व तो समझ आया जो आत्मघाती हमलावर बनने के लिए प्रोत्साहित किए जाने से बेहतर है। स्पेस एजेंसी के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क की ओर से इस समस्?या की जांच की गई और डेटा का आकलन भी किया गया।

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गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के. सिवन ने ऐलान किया कि चांद की सतह से 2.1 किमी की दूरी तक सुनियोजित योजना के अनुसार लैंडर अपना काम कर रहा था, लेकिन उसी वक्त उससे संपर्क टूट गया। स्क्रीन पर विक्रम को अपने सुनिश्चित राह से हटता हुआ देखा गया और तभी उससे लिंक खत्म हो गया। हालांकि 2,379 किग्रा का चंद्रयान 2 चंद्रमा के चारों ओर ऑर्बिटर में घूम रहा है। इसके मिशन की लाइफ एक साल है।

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