जुबिली न्यूज डेस्क
एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पाकिस्तान में अमानवीयता और हेल्थ सेक्टर में व्याप्त अराजकता की कलई खोलकर रख दी है। खबरों की माने तो अस्पताल की छत पर करीब 500 लावारिस लाशें पड़ी मिलीं। इन लाशों के अंदरूनी अंग निकाले जा चुके थे। लाशें पूरी तरह सड़-गल चुकी थीं। दुर्गंध इतनी कि दूर-दूर लोग खड़े न रह पाएं। कई शवों के सीने खुले दिखे। जब पंजाब के मुख्यमंत्री के एडवाजयर चौधरी जमां गुर्जर अस्पताल पहुंचे, तो लाशों की सड़ांध से उनका सिर घूम चौधरी ने सभी शवों का अंतिम संस्कार करने का आदेश देकर हेल्थ अफसरों को जांच कर आरोपियों पर सख्त एक्शन लेने को कहा है।
पढ़िए कुछ बड़े पाइंट्स में पूरी खबर
मुल्तान के निश्तार अस्पताल के एक शीर्ष अधिकारी ने अस्पताल की छत पर शवों के सड़ने के लिए पुलिस और रेस्क्यू अफसरों को दोषी ठहराया है। इस मामले में पंजाब सरकार और निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने अलग-अलग समितियों का गठन किया है। पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी (एनएमयू) के एनाटॉमी विभाग की प्रमुख डॉ. मरियम अशरफ ने कहा कि मुर्दाघर और उसकी छत पर शवों के पड़े होने के लिए बचाव अधिकारियों और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया गया है।
कुछ ही शव पड़े होने की बात स्वीकारी
कुछ मीडिया अस्पताल की छत पर 500 और कुछ 200 शव पड़े होने की बात कह रहे हैं। अस्पताल के अधिकारी ने छत पर इतने शव पड़े होने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि मेडिकल फेसिलिटी के प्रशासन ने शवों की सही संख्या की गणना की है और सभी संबंधित अधिकारियों के साथ डिटेल्स शेयर की है। अस्पताल मैनेजमेंट ने कहा-मैं स्पष्ट कर दूं, ऊपर केवल कुछ शव रखे गए थे। कमरे में सड़ी-गली लाशें रखी गई हैं।
पंजाब पुलिस ने दिए ये तर्क
पंजाब पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी मुहम्मद वकास नजीर ने स्वीकार किया कि ये लावारिस शव पुलिस ने जांच के तहत अस्पताल को सौंपे थे, जो कानून जांच की आवश्यकता और एक प्रक्रिया है। उधर, एधी फाउंडेशन ने दावा किया, “हमने निश्तार अस्पताल को शवों को दफनाने से मना नहीं किया, वास्तव में हमने उन्हें दफनाने के लिए आज संपर्क किया है।” एधी ने बताया कि संगठन ने पिछले 11 महीनों में 155 शवों को दफनाया है।
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व्हिसलब्लोअर की टिप
पंजाब के मुख्यमंत्री के सलाहकार तारिक जमान गुर्जर ने कहा कि एक व्हिसलब्लोअर ने उन्हें निश्तार अस्पताल में मुर्दाघर की छत पर सड़ रहे शवों के बारे में बताया। गुर्जर ने कहा, “मैं निश्तार अस्पताल में दौरे पर था, जब एक आदमी मेरे पास आया और कहा कि अगर तुम अच्छा काम करना चाहते हो तो मुर्दाघर जाओ और उसकी जांच करो।”उन्होंने कहा कि जब वह वहां पहुंचे, तो कर्मचारी मोर्चरी का दरवाजा खोलने को तैयार नहीं थे। गुर्जर ने कहा, “इस पर, मैंने कहा कि अगर आप इसे अभी नहीं खोलते हैं, तो मैं आपके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने जा रहा हूं।”उन्होंने कहा कि जब अंतत: मुर्दाघर खोला गया और उन्होंने अंदर कदम रखा, तो उन्हें कम से कम 200 शव पड़े मिले। यहां तक कि महिलाओं के शरीर को भी ढका नहीं गया था।मामले की जांच के लिए दक्षिण पंजाब के हेल्थ डिपार्टमेंट ने 6 सदस्यों की टीम का गठन किया है। टीम तीन दिन में जांच रिपोर्ट जमा करेगी।
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