Monday - 28 October 2024 - 11:11 PM

बेटी के प्रेमी ने की थी मां की हत्या, गिरफ्तार

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी पुलिस ने किरण वर्मा हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है। थाना गुडंबा के सीमांतनगर निवासी बिजली ठेकेदार वीरेंद्र वर्मा की पत्नी किरण वर्मा (45) की हत्या उसकी बेटी के प्रेमी ने की थी। पुलिस ने इसका खुलासा किया।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसने हत्या की बात कुबूल की है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू, बाइक, हेलमेट और जूता बरामद किया है। पुलिस को आरोपी ने बताया कि बेटी के साथ उसकी आपत्तिजनक फोटो और वीडियो दिखाकर महिला रकम वसूल रही थी। इससे तंग आकर उसने हत्या की थी। हत्या के वक्त महिला घर पर अकेली थी।

बेटे के मुताबिक, शाम करीब 7.10 बजे वह घर लौटा तो हत्या का पता चला। अपर पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के मुताबिक किरण की बड़ी बेटी का बाराबंकी के जैदपुर स्थित बरबसौली निवासी अभय कुमार सिंह से प्रेम संबंध था। जानकारी होने पर किरण ने उसकी शादी कर दी।

इसी बीच बेटी के मोबाइल पर अभय के साथ बेटी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीर और वीडियो मिल गई। जिसे दिखाकर किरण उसे ब्लैक मेल कर रही थी। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने करीब 40 हजार रुपये उसे दिए भी थे। इसके बाद उसकी मांग बढ़ने लगी। इससे परेशान होकर उसने हत्या की।

पहले घरवालों का लोकेशन लिया

अभय को शनिवार को जब जानकारी मिली कि बिजली वायरिंग ठेकेदार बाराबंकी गया है। छोटी बेटी बड़ी बहन के घर गई है। दोनों बेटे कोचिंग गए हैं। इसके एक- एक कर सभी को कॉल कर उनकी लोकेशन ली।

बड़े बेटे को फिल्म दिखाने के बहाने ले गया

क्षेत्राधिकारी गाजीपुर दीपक कुमार सिंह के मुताबिक अभय ओला कार चलाता है। उसको यह पता चला कि बड़ा बेटा घर पहुंच गया है। तो उसे कॉल कर फिल्म दिखाने के बहाने एसआरएस मॉल बुलाया। वहीं टिकट के लिए रुपये दिये। दोनों फिल्म देखने लगे।

इस लोकेशन से हुआ खुलासा

प्रभारी निरीक्षक रवींद्र नाथ राय के मुताबिक हत्या का राज सीसीटीवी फुटेज और ओला के लोकेशन ने खोला। हत्या के बाद घर पहुंची पुलिस ने करीबी लोगों से बातचीत करनी शुरू की। वहां भी अभय मौजूद था। उसने कई बातें पुलिस को बताई भी थी।

उसकी हरकत से पुलिस को संदेह हुआ। पुलिस ने अभय के पीछे सादी वर्दी में पुलिसकर्मी लगाया गया। पुलिस ने अभय के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली। इसमें किरण वर्मा और उसके बातचीत के रिकार्ड मिले। पुलिस को एक संदिग्ध नंबर मिला।

जिस नंबर से अभय ने ओला की बुकिंग की थी। वहीं एक टीम उसके ओला कंपनी से संपर्क किया गया। वहां उसके रिकार्ड निकाले तो पता चला कि ओला कार का जीपीएस वारदात वाले दिन कुछ देर के लिए खराब हो गया था। इससे उस कार का लोकेशन नहीं मिल सका।

पुलिस ने बुकिंग रिकार्ड देखा तो वारदात के दिन उसने कुछ बुकिंग भी ली थी। पूरे रिकॉर्ड हासिल करने के बाद पुलिस ने अभय को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पुलिस ने साक्ष्य उसके सामने रखे तो हत्या का राज खुल गया।

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