न्यूज डेस्क
हर रिश्तें में बदलाव दिख रहा है लेकिन नहीं बदल रहा है तो वह है सास-बहू के बीच की तल्खी। भारत ही नहीं दुनिया के अधिकांश देशों में सास-बहू के रिश्ते एक जैसे ही हैं। सास-बहू की नहीं बनी तो अलग होना आम बात हो गया है। उसी का नतीजा है कि आज जिस तरह से बुजुर्गों की सेवा होनी चाहिए उस तरह से नहीं हो रही। इन समस्याओं को देखते हुए हरियाणा के एक गांव की पंचायत ने एक अनूठा अभियान शुरु किया है।
हरियाणा के हिसार जिले के जग्गा बर्रा गांव की पंचायत ने एक अभियान शुरु किया है, जिसके तहत गांव की उन महिलाओं को जो अपने सास-ससुर की अच्छे से देखभाल करती हैं, उन्हें हर साल 15 अगस्त के मौके पर 5,100 रुपये के नकद इनाम से सम्मानित किया जाएगा। यह अभियान गांव की महिलाओं को अपने सास-ससुर का ध्यान रखने के लिए प्रेरित करने के लिए शुरु किया गया है।
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गांव में इस मुहिम की शुरुआत 15 अगस्त को हुई। गांव की 50 साल की पुष्पा सैनी को 51 सौ का नकद इनाम देकर सम्मानित किया गया। पुष्पा पिछले कई सालों से बिस्तर में पड़ी अपनी सास की सेवा कर रही है।
गांव की सरपंच कमलेश रानी ने बताया कि यह अवॉर्ड महिलाओं खासकर युवा जेनरेशन को अपने सास-ससुर का ध्यान रखने को प्रेरित करने के लिए शुरू किया गया है।
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हालांकि इस पर सवाल उठ रहा है। चूंकि गांव की पंचायत ने सिर्फ महिलाओं पर फोकस किया है इसलिए सवाल उठ रहा है। माता-पिता या सास-ससुर की सेवा की जिम्मेदारी पुरुष की भी बनती है। इस अभियान में पुरुषों को उनके माता-पिता या सास-ससुर का ध्यान रखने के लिए नहीं जोड़ा गया है।
हंसी सब-डिविजन के सुदूर स्थित इस गांव के लोग शिक्षित है, बावजूद इसके शहर से सटे इस गांव में सामाजिक नियम-कानून अभी भी दकियानूसी के शिकार हैं। इस गांव में सैनी और गुर्जर की आबादी अधिक है। हरियाणा के पूर्व सिंचाई व ऊर्जा मंत्री अटर सिंह सैनी भी इसी गांव से ताल्लुक रखते हैं, जिनके दादा जग्गामल सैनी के नाम पर इस गांव का नामकरण हुआ।
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