जुबिली न्यूज़ डेस्क
जयपुर। अपनों को खोने का गम क्या होता है, इसे वाे ही समझ सकता है जिसने किसी अपने को खोया है। कोरोना के चलते कई परिवार इस दर्द से गुजर रहे हैं। ऐसा ही कुछ हुआ एक बेटी के साथ जो अपने पिता को अलग होता देख नहीं सकी और खुद भी जलती चिता में कूद गई। इस हादसे के बाद वह बुरी तरह से झुलस गई।
इस दर्दनाक घटना का गवाह बना राज्स्थान का बाड़मेर जिला। यहां के रहने वाले 70 वर्षीय जयराम दास शारदा ने कोरोना के चलते दम तोड़ दिया। मृतक दामोदर के शव को अंतिम संस्कार के लिए सार्वजनिक शमशान लाया गया।
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अपने पिता को मुखाग्नि देने के बाद 30 वर्षीय बेटी इतना टूट गई कि वह जलती चिता में कूद पड़ी। इस दौरान उसकी दोनों बहनों से किसी तरह उसे बाहर निकाला।
पिता के वियोग और जान देने के प्रयास में चंद्रा 60% झुलस गई है, जिसका ईलाज चल रहा है। वह बार बार चिल्लाते हुए कह रही थी कि पिता मेरे सब कुछ थे, जब वही नहीं रहे तो मैं जी कर क्या करूंगी? और ये कहते हुए जलती चिता में कूद गई।
परिवार का कहना है कि दामोदर अस्पताल में ही कोविड नेगेटिव हो गए थे और उनकी मृत्यु के कारणों की जानकारी नहीं दी जा रही है। इस बात से बेटी काफी नाराज़ थी और उसने ये कदम उठा लिया।
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