जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश से दो बार के सांसद रहे स्वर्गीय इलियास आज़मी का जीवन और समाज के लिए योगदान एक मिसाल कही जा सकती है।
निष्ठावान व्यक्तित्व वाले इलियास आज़मी ने हमेशा हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज़ को प्राथमिकता दी है। वह एक राजनीतिज्ञ के साथ एक उम्दा इतिहासकार, महान लेखक और बुद्धिजीवी का इस दुनिया का सफर गत 5 जून 2023 को थम गया था जब उनका निधन हो गया था।
उनके निधन के बाद इस दिग्गज और निष्ठावान शख्सियत को दर्शाने के लिए इलियास आजमी हयात व खिदमात विषय पर एक सेमिनार का आयोजन आगामी 30 अक्टूबर को विधानसभा के निकट स्थित सहकारिता भवन में किया जाएगा।
इस बारे में रेड क्रेसेंट सोसायटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन व उनके बड़े बेटे अरशद सिद्दीकी ने बताया कि हम ये सेमिनार पूर्व लोकसभा सांसद मरहूम जनाब इलियास आज़मी (अब्बा जी) को याद करने और उनको सच्ची खिराजे अकीदत पेश करने के लिए कर रहे हैं।इलियास आज़मी का जन्म 22 अगस्त 1934 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के सदरपुर बरौली-फूलपुर में हुआ था। उनकी शिक्षा रोज़तुल ओलूम, फूलपुर में हाफ़िज़ के रूप में हुई थी। वह उत्तर प्रदेश से संसद सदस्य थे और उन्होंने 2004 में शाहाबाद लोकसभा सीट और 2009 में बहुजन समाज पार्टी के लिए खीरी लोकसभा सीट का चुनाव जीता था।
वह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य भी थे लेकिन उन्होंने 2016 में पार्टी और पीएसी छोड़ दी थी।
इलियास आज़मी के के पिता का नाम मोहम्मद मारूफ है जो पेशे से किसान थे। इलियास आजमी स्थाई रूप से परिवार सहित लखनऊ में रहते थे। उनके चार बेटे और चार बेटियां है।
इलियास आज़मी का निकाह बदरुन्निसा से हुआ था और उनका सपना कि दीनी तालीम के साथ स्कूली शिक्षा से हर घर रोशन हो। उनके इसी सपने के चलते उनके बेटे अरशद सिद्दीकी ने शाहाबाद, हरदोई में मरहूम बदरुन्निसा के नाम से बीएन पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की स्थापना की थी।
उनके बड़े बेटे अरशद सिद्दीकी समाजसेवा के साथ शिक्षाविद भी है और उनके दूसरे बेटे शकील सिद्दीकी एक सफल उद्योगपति और समाजसेवी है जबकि उनके सबसे छोटे बेटे अलीम सिद्दीकी चिकित्सक है जो नि:शुल्क मेडिकल कैंप भी आयोजित करते रहते हैं।