न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र का सियासी समीकरण बदल गया है। अब तक सबसे निचले पायदान पर रहने वाली कांग्रेस पार्टी आज किंगमेकर की भूमिका में आ गई है। शिवसेना-एनसीपी के साथ-साथ पूरे देश की निगाहे कांग्रेस के फैसले पर टिकी हुई हैं। कांग्रेस क्या फैसला लेगी यह शाम चार बजे की कांग्रेस की मीटिंग के बाद पता चलेगा लेकिन वर्तमान में महाराष्ट्र की राजनीतिक हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
महाराष्ट्र की राजनीति में शायद यह पहला मौका है जब सरकार बनाने को लेकर ऐसा इतनी रस्साकशी हो रही है। सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी और उसकी सहयोगी दल शिवसेना अंतिम समय तक सरकार बनाने का दावा करती रही लेकिन दावा पेश नहीं किया। फिलहाल महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर अब सारी नजरें कांग्रेस की तरफ मुड़ गई हैं। राज्य में सरकार के गठन में हिस्सा बनने या नहीं बनने को लेकर कांग्रेस में महामंथन का दौरा चल रहा है। कांग्रेस शाम 4 बजे एकबार फिर बैठक करेगी।
वहीं आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पहले दौर की बैठक हुई। बैठक के बाद कांग्रेस ने एक और दौर की बैठक करने का फैसला किया है। बैठक में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है और उनके साथ बातचीत करके कोई फैसला किया जाएगा।
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गौरतलब है कि सोनिया गांधी संग बैठक में खडग़े के अलावा ए के एंटनी, केसी वेणुगोपाल और अहमद पटेल भी शामिल थे। खडग़े ने बताया कि शाम 4 बजे दूसरे दौर की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सीनियर नेताओं की राय लेकर ही कांग्रेस पार्टी कोई फैसला करेगी।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 44 सीटों जीती थीं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के 37 विधायक शिवसेना को समर्थन देने की मंशा पार्टी को जता चुके हैं। उधर, एनसीपी में भी बैठकों का दौर जारी है।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने पार्टी की बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर तैयार है। उन्होंने कहा, ‘जब तक कांग्रेस कोई निर्णय नहीं करती है तबतक उनकी पार्टी कोई फैसला नहीं करेगी।’ उन्होंने कहा कि शरद पवार ने कहा था कि जो भी निर्णय लेंगे हम कांग्रेस से बात करके लेंगे। हमने विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ा था।
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