जुबिली न्यूज डेस्क
अगर आपको भी टैटू बनवाने का शौक है तो सावधान हो जाएं। टैटू का शौक आपके दिल पर भारी पड़ सकता है। एक हालिया शोध में खुलासा हुआ है कि टैटू बनवाने से दिल में चोट पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है।
टैटू बनी हुई त्वचा पर ज्यादा पसीना नहीं आता और जिससे शरीर के ठंडे होने की क्षमता में कमी आती है और इससे दिल को नुकसान पहुंचता है। इस शोध को जर्नल ऑफ अप्लाइड फिजियोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
सामान्य पसीना शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। पूरे शरीर में पाई जाने वाली एक्क्रिन पसीने की ग्रंथियाँ शरीर को ठंडा करने के लिए मुख्य रूप से पानी आधारित पसीना पैदा करती हैं। एक्क्रिन ग्रंथियों को नुकसान पसीने की प्रतिक्रिया को बिगाड़ सकता है, जो बदले में गर्मी बढ़ने के जोखिम को बढ़ा सकता है।
पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि टैटू वाली त्वचा में पसीने में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे पता चलता है कि एक्क्रिन पसीने की नलिकाओं का कार्य कम हो गया है। टैटू बनाने की प्रक्रिया में त्वचा पर प्रति मिनट 3,000 पंचर करने की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप पसीने की ग्रंथि को नुकसान हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने ऊपरी या निचले हाथों पर बने टैटू वाले प्रतिभागियों का अध्ययन किया, जिसमें कम से कम 5.6 वर्ग सेंटीमीटर और गैर-टैटू वाली त्वचा के आस-पास के क्षेत्रों को मापा गया।
पूरे शरीर में पसीना पैदा करने के लिए प्रतिभागियों ने एक परफ्यूजन सूट पहना जिसमें 120 डिग्री फेरेनहाइड के तापमान वाला गर्म पानी 30 मिनट तक सर्कुलेट किया गया। शोध दल ने प्रतिभागियों के आंतरिक शरीर के तापमान और पसीने की दर और त्वचा के टैटू और गैर-टैटू वाले दोनों क्षेत्रों पर एक ही हाथ पर मापा। शोधकर्ताओं ने त्वचा में रक्त के प्रवाह को मापने के लिए लेजर तकनीकों का भी इस्तेमाल किया।
हालांकि, रक्त प्रवाह के उपाय प्रतिभागियों के टैटू में इस्तेमाल किए जाने वाले स्याही के प्रतिबिंबित या शोषक गुणों के कारण विश्ववसनीय नहीं पाए गए। शोधकर्ताओं ने लिखा, छोटे टैटू शरीर के तापमान विनियमन के साथ कम हस्तक्षेप करते हैं। लेकिन शरीर पर बने बड़े-बड़े टैटू तापमान विनियमन की प्रक्रिया को बिगाड़ सकते हैं।
टैटू के कारण कम पसीना आते से शरीर के तापमान में इजाफा होने लगता है। इससे हाइपरथरमिया या हीट हार्टअटैक होने की संभावना बढ़ जाती है। यह हार्टअटैक जानलेवा होता है। यह हार्टअटैक तब होता है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है।
इस तरह के हार्टअटैक में जल्द इलाज करने की जरूरत पड़ती है। इस हार्टअटैक से अगर मरीज उबर भी जाता है तो उसके दिल को भारी नुकसान पहुंचता है और दिल को लगी चोट जल्दी ठीक नहीं हो पाती।
जर्नल ऑफ अप्लाइड फिजियोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार जिस त्वचा पर टैटू बना होता है उसमें पसीना आने की क्षमता कम हो जाती है। इससे शरीर का तापमान कम नहीं हो पाता।
शोधकर्ताओं ने कहा, इस शोध के डाटा से पता चलता है कि टैटू बनाने की प्रक्रिया एक्क्रिन ग्रंथि पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है और लंबे समय में यह शरीर के लिए काफी घातक सिद्ध हो सकता है।