जुबिली न्यूज डेस्क
इटावा जिले के दांदरपुर गांव में कथावाचकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद मामला तूल पकड़ गया है। यादव समाज और ‘अहीर रेजिमेंट’ के युवा गुरुवार को सड़कों पर उतर आए और पुलिस से उनकी झड़प हो गई। मामला तब और गंभीर हो गया जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर दी, साथ ही पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की।
क्या है मामला?
घटना की जड़ में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके साथी संत कुमार यादव के खिलाफ दर्ज FIR है। दोनों पर एक महिला ने छेड़खानी, पहचान छिपाने, धार्मिक भावनाएं आहत करने और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में पुलिस ने कथावाचकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया, जिससे यादव समाज में भारी आक्रोश फैल गया।
प्रदर्शन में जातिगत पहचान की पूछताछ
गुरुवार सुबह से ही ‘अहीर रेजिमेंट’ के युवाओं और यादव समाज के लोग दांदरपुर गांव के बाहर एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि वे गांव में आने वालों की जाति पूछ रहे थे, और केवल यादवों को ही प्रवेश दिया जा रहा था। इससे इलाके में जातिगत तनाव फैल गया।
पुलिस की एंट्री और झड़प
स्थिति की जानकारी मिलते ही पुलिस बल गांव पहुंचा। शुरुआत में पुलिस ने समझाने की कोशिश की, लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं माने, तो उन्हें हटाने का प्रयास किया गया। इसी दौरान स्थिति बेकाबू हो गई और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा फायरिंग किए जाने की भी खबर है। पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया।
हाईवे जाम और प्रदर्शन का विस्तार
प्रदर्शनकारी बाद में आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे तक पहुंच गए। यहां हजारों की संख्या में बाइक सवार युवकों ने हाईवे को जाम कर दिया और वहां भी पुलिस पर हमला किया गया। हालात को देखते हुए पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।एसपी ग्रामीण श्रीश चंद्र ने बताया:
“दांदरपुर गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अब तक कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने कई दोपहिया वाहनों को सीज किया है। क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।”
यादव संगठनों की नाराजगी
कथावाचकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कई यादव संगठन खुलकर उनके समर्थन में उतर आए हैं। इस वजह से दांदरपुर गांव में यादव समाज के लोगों की लगातार आवाजाही बनी हुई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
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इटावा में जातिगत टकराव और धार्मिक भावनाओं से जुड़ा यह मामला तेजी से राजनीतिक और सामाजिक तनाव का रूप लेता जा रहा है। पुलिस एक तरफ शांति बनाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं यादव समाज के लोग कथावाचकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भारी नाराजगी जता रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले की गंभीरता और बढ़ सकती है, यदि तनाव को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया।