Tuesday - 29 October 2024 - 12:46 PM

बीसीसीआई में ‘दादा’ युग शुरु

न्यूज डेस्क

आखिरकार बीसीसीआई में प्रशासकों की समिति (CoA) का कार्यकाल खत्म हुआ और दादा का युग शुरु हुआ। आज टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने विधिवत रूप से क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष पद संभाल लिया। अब बोर्ड से जुड़े सभी कामकाज बीसीसीआई के चुने हुए नए प्रतिनिधि ही संभालेंगे।

पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के पास उनकी इस नई पारी के लिए सिर्फ 10 महीने का ही समय है इसके बाद उन्हें कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना होगा।
गांगुली की अध्यक्षता वाली इस नई टीम में उनके अलावा उपाध्यक्ष के पद पर महीम वर्मा, सचिव के रूप में जय शाह, अरुण धूमल (कोषाध्यक्ष) के साथ केरल के जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव का पद संभालेंगे।

बुधवार को बीसीसीआई की सालाना आम सभा बैठक (एजीएम) के दौरान गांगुली ने औपचारिक तौर पर पदभार संभाला।

बीसीसीआई की कमाल गांगुली के संभालने के बाद से उम्मीद की जा रही है कि अब नये दौर की शुरुआत होगी। मालूम हो साल साल 2003 में खेले गए वनडे वर्ल्ड  कप में गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया उप-विजेता रही थी।

अब जब गांगुली ने बीसीसीआई की कमान संभाल ली है तो गुरुवार को वह सिलेक्शन कमिटी के साथ अपनी पहली बैठक करेंगे। गांगुली ने पहले ही संकेत दिए थे कि इस बैठक में वह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य पर चयनकर्ताओं से बात कर सकते हैं।

बताते चले 24 अक्टूबर को ही बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली घरेलू टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया जाएगा। गांगुली ने साथ ही कहा था कि फस्र्ट क्लास क्रिकेट उनकी प्राथमिकता में रहेगा।

वहीं बीसीसीआई एजीएम मीटिंग में शिरकत करने पहुंचे सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने अपने कार्यकाल पर संतुष्टि जाहिर की। राय ने बैठक में शामिल होने से पहले कहा, ‘मैं बहुत संतुष्ट हूं।’ राय ने यह बात सुप्रीम कोर्ट से मिली अपनी जिम्मेदारी को लेकर कही।

मालूम हो इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की बेंच ने प्रशासकों की समिति (CoA) को निर्देश दिया था कि बुधवार को जब बीसीसीआई के नवनियुक्त पदाधिकारी चार्ज संभाल लें तो वह अपना काम समेट लें। भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG)  विनोद राय के नेतृत्व में यह प्रशासनिक समिति बीते 33 महीनों से बोर्ड का कामकाज देख रही थी।

साल 2013 में आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों के बाद सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई के कामकाज में दखल देना पड़ा था। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार खत्म करने समेत कई सुधारों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2015 को जस्टिस आर. एम. लोढ़ा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था। समिति ने उसी साल 14 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के मकसद से प्रशासनिक समिति का गठन किया था।

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