जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिणपूर्व अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है. इससे बना चक्रवाती तूफान बिपरजॉय और तेज हो सकता है. चक्रवात बिपरजॉय का नाम बांग्लादेश ने दिया है.
आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मॉनसून के केरल तट की ओर बढ़ने को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है, लेकिन हल्की बारिश की ही संभावना है. उसने कहा कि ‘अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं. इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा.’
वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मानसून में थोड़ी देर होने का मतलब यह नहीं होता कि मानसून देश के अन्य हिस्सों में भी देरी से पहुंचेगा. इससे मानसून के दौरान देशभर में कुल वर्षा पर भी असर नहीं पड़ता. आईएमडी ने पहले कहा था कि भारत में अल-नीनो की बदलती परिस्थितियों के बावजूद दक्षिणपश्चिम मानसून के दौरान सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है. पूर्व और उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 87 सेंटीमीटर के हिसाब से 94-106 प्रतिशत वर्षा होने की उम्मीद है.