- वर्ष 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में पहली बार बना है सुपर साइक्लोन
- अम्फान अपने केंद्र में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है आगे
- पांच जून तक आ सकता है केरल में मॉनसून
न्यूज डेस्क
तीन दिन पहले दक्षिणी पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बना अंफान चक्रवात अब सुपर साइक्लोन बन चुका है, जो ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचा सकता है।
सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ के आज पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान 155 से 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने और भारी बारिश का अनुमान है। इस दौरान बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश होगी और समुद्र में चार-पांच मीटर ऊंची लहरें उठेंगी।
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मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा में काफी रफ्तार में आगे बढ़ रहा है। अनुमान है कि इसकी गति अभी और बढ़ेगी। साइक्लोन अम्फान आज दोपहर तक पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हादिया में टकरा सकता है।
ओडिशा के भद्रक में तेज हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से जारी बुलेटिन के मुताबिक, फिलहाल ये चक्रवात ओडिशा के पारादीप के दक्षिण हिस्से में 520 किलोमीटर दूर और दीघा (पश्चिम बंगाल) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम की तरफ 670 किलोमीटर दूर है। 20 मई की दोपहर या शाम तक ये पश्चिम बंगाल के दीघा और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच सुंदरवन के निकट लैंडफाल कर सकता है।
जानकारों का कहना है कि इस सुपर साइक्लोन के बनने के पीछे बंगाल की खाड़ी में तापमान में इजाफा जिम्मेवार हो सकता है।
मौसम और चक्रवात पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि वर्ष 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में पहली बार सुपर साइक्लोन बना है। 25 अक्टूबर से 3 नवंबर 1999 के बीच यह साइक्लोन आया था और दो हिस्सों में बंट कर ओडिशा में भारी तबाही मचाई थी। करीब 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए इस सुपर साइक्लोन के कारण 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
बिहार और झारखंड में इस चक्रवात का बहुत प्रभाव नहीं दिखेगा। अलबत्ता आसमान में बादल घिरे रहेंगे और बहुत संभव है कि बारिश भी हो।
तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा में 1704 कैम्प बनाए गए हैं, साथ ही 1,19,075 लोगों को तटिए इलाके से दूर ले जाया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात की रफ्तार काफी से बढ़ रही है। चक्रवात अम्फान अपने केंद्र में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
एनडीआरएफ की टीमें ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ का अनुमान है कि इस तूफान के चलते 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की नौबत आ सकती है और टीम इसके लिए तैयार है।
कैम्प्स के अलावा ओडिशा में 2000 से ज्यादा मकान तैयार हैं, जिनमें जरूरत पडऩे पर तटवर्ती इलाके के लोगों को रखा जाना है. इससे पहले ही यहां मछुआरों और समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों को वहां से हटा लिया गया है।
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ओडिशा में सुबह के करीब 4:30 बजे ही कुछ हिस्सों में 82 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। तटिए इलाके के लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है। राज्य सरकार के अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। साथ ही एनडीआरएफ की कई टीमें वहां तैनात की गई हैं।
वहीं, सुपर साइक्लोन अम्फान का असर मॉनसून पर भी पड़ सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून आने में कुछ समय की देरी हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि पहले मॉनसून के 1 जून तक आने की संभावना थी लेकिन अब अम्फान साइक्लोन की वजह से कुछ दिनों और लग सकते हैं। वहीं, केरल में भी मॉनसून के देर से पहुंचने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि केरल में इस बार मॉनसून देर से पहुंचेगा। मौसम विभाग ने बताया कि केरल में इस साल मॉनसून पांच जून तक आ सकता है।
यहां ये भी बता दें कि मई महीने में अमूमन हीटवेव आते हैं, लेकिन इस बार मार्च, अप्रैल और मई के शुरुआती हफ्ते में बारिश होने के कारण मौसम अपेक्षाकृत ठंडा रहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने 18 मई को बुलेटिन जारी कर देश के कई हिस्सों में लू चलने का पूर्वानुमान जारी किया था।
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